तिरुवनंतपुरम: केरल में कोरोनावायरस के 12 नये मामले आने के एक दिन बाद पुलिस ने निर्देशों के बावजूद लोगों को प्रार्थना करने और परिसर में जमा देने के आरोप में तीन पूजा स्थलों के प्रबंधकों के खिलाफ शनिवार को मामला दर्ज किया.
पुलिस ने बताया कि मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघर के प्रबंधकों के खिलाफ ये मामले दर्ज किए गए हैं. उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 12 नये मामलों के साथ राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 37 हो गई है.
पुलिस ने बताया कि इडुकी जिले स्थित वल्लियानकावू मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. जिला प्रशासन ने इससे पहले मंदिर में नियमित पूजा के दौरान परिसर में भीड़ एकत्र होने देने पर नोटिस जारी किया था.
कासरगोड जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिले में चेतावनी के बावजूद नमाज पढ़वाई.
इस बीच, त्रिशूर पुलिस ने जिले को ओल्लुर स्थित सेंट एंथनी गिरिजाघर के पादरी के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
पुलिस ने को बताया, ‘भीड़ एकत्र नहीं हो यह सुनिश्चित करने के लिए हमने कोई प्रार्थना सभा आयोजित नहीं करने का सख्त निर्देश दिया था. अब हमने निश्चित आदेश के बावजूद भीड़ एकत्र करने पर गिरिजाघर के पादरी और अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.’
उल्लेखनीय है कि केरल कैथोलिक बिशप परिषद ने केंद्र और राज्य सरकार के निर्देशों के अनुरूप कोरोनावायरस का संक्रमण रोकने के लिए उसके अंतर्गत आने वाले गिरिजाघरों में प्रार्थना सभा बंद करने का फैसला किया था.
इस बीच राज्य में मंदिरों का प्रबंधन देखने वाले त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (टीडीबी) ने कोरोनावायरस के चलते शनिवार को दिशानिर्देश जारी किए.
टीडीबी ने मंदिर कर्मियों को मास्क और दस्ताने मुहैया कराने और दर्शन की अवधि सीमित करने का फैसला किया.
बोर्ड के वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, ‘मंदिर में नियमित अनुष्ठान और पूजा जारी रहेगी. अगले आदेश तक मंदिर उत्सव में हाथियों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और मंदिर केवल सुबह छह बजे से 10 बजे तक और शाम को साढ़े पांच बजे से साढ़े सात बजे तक ही खुले रहेंगे.’
अधिकारी ने बताया कि कोरोनावायरस संक्रमण के खतरे से पहले बोर्ड के सभागारों को बुकिंग कराने वालों को राशि लौटा दी जाएगी.
कोरोना की जांच नहीं कराने पर एक व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
दुबई से जबलपुर वापस लौटने के बाद कोरोना वायरस की अनिवार्य जांच नहीं कराने पर एक व्यक्ति के खिलाफ शनिवार को प्राथमिकी दर्ज की गई है.
जिला कलेक्टर भरत यादव ने पीटीआई भाषा को बताया कि विदेश यात्रा से लौटकर जबलपुर में प्रवेश करने के बाद मुकेश अग्रवाल द्वारा जिला अस्पताल में अनिवार्य जांच नहीं कराने पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
उन्होंने कहा कि विदेशा यात्रा करने वाले व्यक्ति के लिए यह अनिवार्य है कि वह जिले में आने के तुरंत बाद कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण की जांच करवाए.
यादव ने कहा कि जनता में इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए यह एक एहतियाती कदम है. उन्होंने कहा कि अग्रवाल का यह कृत्य लापरवाही है और इससे लोगों में संक्रमण फैल सकता है.
उन्होंने बताया कि अग्रवाल के खिलाफ शहर के कोतवाली पुलिस थाने में भादंवि की धारा 269 (उपेक्षापूर्ण कार्य जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रम फैलना संभाव्य हो) , धारा 270 (परिद्वेषपूर्ण कार्य, जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रम फैलना संभाव्य हो) और धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत रूप से प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा.) के तहत मामला दर्ज किया गया है.