नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ पिछले दो महीने से जारी शाहीन बाग में प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि शाहीन बाग में प्रदर्शनकारी सड़क बंद नहीं कर सकते हैं. कोर्ट ने सीधे तौर पर प्रदर्शनकारियों को हटाने का आदेश देने से इनकार कर दिया है.
Shaheen Bagh protest matter: Supreme Court issues notice to Delhi Government & Delhi Police and posts the matter for 17th February. https://t.co/WpMB1EGXf6
— ANI (@ANI) February 10, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर केन्द्र, दिल्ली सरकार और पुलिस को नोटिस जारी किये.
कोर्ट ने कहा, शाहीन बाग में प्रदर्शनकारी सड़क बंद नहीं कर सकते हैं और अन्य के लिए असुविधा पैदा नहीं कर सकते हैं. लोगों को विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन उन्हें निर्दिष्ट क्षेत्र में ही प्रदर्शन करना होगा.
कोर्ट ने यह भी कहा कि वह दूसरे पक्ष को सुने बगैर शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को कोई निर्देश नहीं देगा. मामले को 17 फरवरी के लिए सूचीबद्ध किया.
इससे पहले, सुनवाई शुरू होते ही इस मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक अधिवक्ता अमित साहनी ने कहा कि यह प्रकरण विरोध के अधिकार की सीमा के बारे में है.
पीठ ने जानना चाहा, ‘क्या सरकार की ओर से कोई मौजूद है। हम इसमें नोटिस जारी करेंगे.’
मामले में एक अन्य याचिकाकर्ता एवं भाजपा के पूर्व विधायक नंद किशोर गर्ग के अधिवक्ता शशांक देव सुधि ने पीठ से इस मामले में अंतरिम निर्देश देने का अनुरोध किया. पीठ ने कहा, ‘ऐसा एकपक्षीय नहीं हो सकता.’
अधिवक्ता महमूद प्राचा ने पीठ से कहा कि वह भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद की ओर से इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहते हैं. पीठ ने कहा, ‘आप जो उचित समझें, करें.’
सुनवाई के अंतिम क्षणों में जब सुधि ने इस मामले में कुछ निर्देश देने की मांग पर जोर देते हुए कहा कि सार्वजनिक सड़कों पर अवरोध की वजह से जनता को असुविधा हो रही है तो पीठ ने टिप्पणी की, ‘यदि आपने 50 से ज्यादा दिन इंतजार किया है तो कुछ दिन और इंतजार कर लीजिए.’
शाहीन बाग में प्रदर्शन लगभग दो महीने से भी अधिक समय से सीएए और एनआरसी के खिलाफ चल रहा है. धरने पर बैठे लोगों ने नोएडा और कालिंदी कुंज को जोड़ने वाली सड़क पर कब्जा कर लिया है जिसकी वजह से आम लोगों को आने-जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ )