नई दिल्ली: देश के युवाओं को खादी के उत्पाद महात्मा गांधी के नाम पर मेहरबानी के लिए नहीं खरीदने चाहिए, बल्कि उन्हें इन उत्पादों को हमारे आधुनिक डिजाइन और उत्कृष्ट गुणवत्ता के लिए खरीदने चाहिए. केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योग मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को यह बात कही.
गडकरी केंद्रीय खादी ग्रामोद्योग आयोग के टाइटन के साथ मिलकर पेश किए गए ‘खादी’ सीमित संस्करण की घड़ियों को पेश किए जाने के मौके पर बोल रहे थे.
उन्होंने कहा, ‘युवाओं को गांधी के नाम पर मेहरबानी की दृष्टि से हमारे उत्पाद खरीदने चाहिए, ऐसा मैं नहीं समझता हूं. ये आज की पीढ़ी के हिसाब से बने हैं और गुणवत्ता तथा डिजाइन में बाजार से प्रतिस्पर्धा करते हैं. युवाओं को इन्हें इस वजह से पसंद करना चाहिए.’
गडकरी ने खादी ग्रामोद्योग को उत्पादों को और आकर्षक बनाने के लिए सुझाव देते हुए कहा, ‘युवा पीढ़ी की चॉइस (चयन) बदल रही है. दो पीढ़ियों के बीच जो चयन का फर्क होता है पुरानी पीढ़ी को उसे समझने की जरूरत है ताकि उत्पादों को युवा पीढ़ी के हिसाब से बनाया जा सके.’
उन्होंने टाइटन के खादी संग्रह को नयी पीढ़ी के अनुरूप बताया. साथ ही कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविकांत को इस उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बिक्री के लिए उपलब्ध कराने के लिए भी कहा. इसके लिए उन्होंने सरकार की ओर से मदद का आश्वासन भी दिया.
रविकांत ने खादी संग्रह के बारे में बताया, ‘अभी यह घड़ियां केवल उसके ऑनलाइन मंच पर उपलब्ध होंगी और जल्द ही इसे उसके स्टोर ‘वर्ल्ड ऑफ टाइटन’ पर उपलब्ध कराया जाएगा.’
खादी संग्रह की घड़ियों का डायल और पट्टा खादी के कपड़े से बनाया गया है. इन्हें महिला और पुरुष दोनों के लिए पेश किया गया है और इसकी कीमत 4,995 रुपये से शुरू होती है.
घड़ियों के बाजार के भविष्य के बारे में उन्होंने कहा कि यह तेजी से बदल रहा है और बढ़ रहा है. स्मार्ट वाच की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है और इसी को ध्यान में रखते हुए हमने हैदराबाद की एक स्टार्टअप कंपनी का अधिग्रहण किया है. हालांकि उन्होंने इस पर निवेश का खुलासा नहीं किया.
टाइटन के खादी के साथ आने पर खादी ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कहा, ‘(महात्मा) गांधी हमेशा खादी का कपड़ा पहनते थे और एक घड़ी हमेशा उनके साथ होती थी और आज खादी और घड़ी दोनों साथ आ गए हैं.’
उन्होंने गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर इसे पेश करने को ऐतिहासिक बताया.
खादी के बारे में उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में खादी ग्रामोद्योग आयोग की वृद्धि दर 28 प्रतिशत तक पहुंच गयी है. जबकि 2004 से 2014 के बीच यह छह से सात प्रतिशत थी. अकेले खादी का कारोबार 800 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,215 करोड़ रुपये और ग्रामोद्योग का 3,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 72,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. खादी ग्रामोद्योग आयोग का कुल कारोबार पिछले पांच साल में बढ़कर 75,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.