अपने बच्चों द्वारा अपने अर्धनग्न शरीर पर पेंटिंग करते हुए एक वीडियो पोस्ट करने के लिए एक महिला के खिलाफ आपराधिक आरोपों को रद्द करने का केरल हाईकोर्ट का आदेश साहसिक, प्रगतिशील है. कोर्ट ने कहा कि नग्नता और अश्लीलता पर्यायवाची नहीं हैं. पॉक्सो का आरोप बेतुका था. इस संकीर्णता को उजागर करने का कोर्ट को अधिकार है.
होम50 शब्दों में मतनग्नता पर केरल HC का आदेश साहसिक, प्रगतिशील है- यह शरीर पर महिला के अधिकार की पुष्टि करता है
