नई दिल्ली: 17 वीं लोकसभा चुनाव के नतीजे आ गए है. 542 सांसदो वाली लोकसभा में इस बार 303 सांसद पहली बार चुनकर संदन पहुंचे है. जिसमें महज 12 प्रतिशत ही युवा सांसद हैं. यही नहीं इनमें से कुछ सांसद ऐसे भी हैं जो महज़ 25, 28 और 29 साल के हैं.
17 वीं लोकसभा में सबसे ज्यादा 78 महिलाएं चुनकर संसद पहुंची है. इनमें से सात महिला ओडिशा से है. जिसमें से पांच बीजेडी और दो भाजपा की हैं. बीजेडी की सबसे कम उम्र की 25 वर्षीय चंद्राणी मुर्मू भी शामिल है. मुर्मू पेशे से इंजीनीयर हैं. वे ओडिशा के केन्झार सीट से जीतकर आई है.
इनमें दक्षिण बेंगलूरू से भाजपा के टिकट पर लड़ने वाले तेजस्वी सूर्या 28 वर्ष के सबसे कम उम्र के सांसद बने हैं. वहीं कर्नाटक से ही जनता दल सेक्युलर के प्रमुख एचडी देवेगौड़ा के 29 वर्षीय पोते प्रज्वल रेवन्ना लोकसभा में चुनकर आए हैं. 2019 की लोकसभा चुनावों में 26 से 35 वर्ष के कई युवा चेहरे मैदान में थे. मगर 23 उम्मीदवारों को ही जीत नसीब हो सकी है. वहीं 197 सांसद ऐसे हैं जिन्हें दूसरी बार जनता ने चुन कर सदन में पहुंचाया है. भारतदेश युवा हो रहा है, बता दें कि सिर्फ सदन में ही नहीं बल्कि इस लोकसभा चुनावों में 10 करोड़ मतदाता पहली बार वोटर्स थे. इनमें 1.50 करोड़ वोटर्स 18 से 19 वर्ष के हैं.
1957 में थी सबसे युवा
1952 के लोकसभा चुनावों में 25 प्रतिशत, 1957 में अब तक सबसे ज्यादा 35 प्रतिशत और 2004 में 20 प्रतिशत, 2014 में केवल 8 प्रतिशत युवा ही चुनकर संसद पहुंचे थे. जबकि इसबार युवाओं की सदन में पहुंचने वालों की संख्या एकबार फिर घटकर 12 फीसदी हो गई है.
कुछ को मिली जीत तो कुछ मिली हार
ऑक्सफोर्ड के सेंट एंटोनी कॉलेज से विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएट भव्य बिश्नोई इस चुनाव में पहली बार मैदान में थे. हरियाणा के पूर्व सीएम भजनलाल के पोते ने हिसार सीट कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वे हार गए.
वहीं राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह के 27 वर्षीय बेटे आकाश प्रसाद सिंह भी इस चुनावी मैदान में बिहार की पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में थे. वे केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह को कड़ी टक्कर नहीं दे पाए और चुनाव हार गए.
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ी 29 वर्षीय बंगाली अदाकारा नुसरत जहान राज्य की बशीरहाट लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में थीं. नुसरत जहान पहली बार चुनाव मैदान में थीं. वे तीन लाख 50 हजार वोटों से जीत गई हैं.
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा दक्षिणी दिल्ली से मैदान में थे. वे पेशे से चार्टेड अकाउंटेंट है. उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा है.
असम के कोकराझार लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे 26 वर्षीय बिरज डेका मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा) के टिकट पर चुनावी मैदान में थे. वे भी इस चुनाव में सफल नहीं हो सके.
इसके अलावा कन्हैया कुमार बेगुसराय सीट से मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के टिकट पर मैदान में थे. कन्हैंया को भी हार नसीब हुई. इसके अलावा जादवपुर लोकसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस की प्रत्याशी मिनी चक्रवर्ती इस चुनाव में भारी मतों से जीती है.
17 वीं लोकसभा की औसत उम्र 54
17 वीं लोकसभा के आकड़ों पर नजर डालें तो सांसदों की औसत उम्र 54 निकल कर सामने आती है. इनमें 12 प्रतिशत सांसद 40 वर्ष से कम उम्र के हैं. जो 16 वीं लोकसभा से चार प्रतिशत ज्यादा है. इनमें 25 से 40 आयु वर्ग के 12 प्रतिशत सांसद है. 41 से 55 आयुवर्ग के 41 प्रतिशत सांसद है. 56 से 70 आयु वर्ग के बीच 42 प्रतिशत और 70 वर्ष से अधिक उम्र के 6 प्रतिशत सांसद 17 वीं लोकसभा में मौजूद रहेंगे.
394 सांसद है ग्रेजुएट
इस बार लोकसभा में चुनकर आए सांसदों में आधे से ज्यादा ग्रेजुएट हैं. इनमें 27 प्रतिशत सांसद 12वीं कक्षा तक पढ़े हैं. वहीं 43 प्रतिशत सांसदों ने ग्रेजुएट डिग्री हासिल की है. इसके अलावा 25 प्रतिशत सांसद ने पोस्ट ग्रेजुएट किया है. वहीं 4 प्रतिशत सांसदों के पास डॉक्टरेट की डिग्री भी है. 16 वीं लोकसभा में 20 प्रतिशत सांसद 12 वीं तक पढ़े थे.1996 से करीब हर लोकसभा में 75 प्रतिशत ग्रेजुएट प्रत्याशी चुनकर संसद पहुंच रहे है.
2 फीसदी टीचर और 4 फीसदी वकील है सांसद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस सदन में सबसे ज्यादा 39 प्रतिशत सांसद सामाजिक कार्यों और 38 फीसदी सांसद कृषि से जुड़े हैं. इसके अलावा 23 प्रतिशत सांसदों का खुद का व्यापार है. चार—चार प्रतिशत सांसद वकील और मेडिकल के क्षेत्र से जुड़े है. 2 प्रतिशत शिक्षक और 3 फीसदी कला क्षेत्र से जुड़े है. इनमें से कई सांसद एक के अलावा कई कार्य करते हैं.