गांधीनगर: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इस लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के प्रमुख प्रचारक के रूप में देशभर का दौरा कर रहे हैं. लेकिन एक निर्वाचन क्षेत्र है जहां से वह गायब है – वह गांधीनगर लोकसभा सीट, जहां वह कांग्रेस के सी जे चावड़ा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
शाह केवल उस निर्वाचन क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं, जिसे भाजपा के संरक्षक लालकृष्ण आडवाणी 1998 के बाद से नहीं हारे हैं. 30 मार्च को अपना नामांकन दाखिल करने के बाद वह केवल दो दिनों के लिए अपने गांधीनगर आए.
बावजूद इसके भाजपा अध्यक्ष ने गांधीनगर में अपने पार्टी रणनीतिकारों और नेताओं की भरोसेमंद मजबूत टीम के हाथ में अपने प्रचार अभियान का प्रबंधन सौंपा है. जबकि वे अन्य शीर्ष नेताओं के साथ राजनीतिक रैलियों, बैठकें और वार्ता को संबोधित करते हुए राष्ट्र का दौरा कर रहे हैं.
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तीन दिनों की कहानी
अमित शाह के नामांकन को रोड शो में बदल दिया गया. जिसमें न केवल शीर्ष भाजपा नेतृत्व बल्कि पार्टी के सहयोगी दल भी शामिल थे. केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, शिवसेना के उद्धव ठाकरे, लोक जनशक्ति पार्टी के रामविलास पासवान और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के प्रकाश सिंह बादल उनका प्रोत्साहन करने के लिए पहुंचे थे. हालांकि, आडवाणी की अनुपस्थिति प्रत्यक्ष रूप ध्यान देने लायक थी.
शाह 6 अप्रैल को जब गांधीनगर में वापस आए, उसी दिन दो रोड शो आयोजित किए गए थे. इसके बाद उन्होंने 14 अप्रैल को कलोल में एक विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार किया, जिसे कांग्रेस ने 2017 के विधानसभा के चुनाव में जीता था. इस दौरान उन्होंने गांधीनगर में विभिन्न सोसाइटी के सचिवों और अध्यक्षों के साथ मुलाकात की थी.
भाजपा के सूत्र ने बताया कि अमित शाह 23 अप्रैल को गुजरात में चुनाव से दो दिन पहले 21 अप्रैल को साणंद में एक और रोड शो करेंगे.
विश्वसनीय बैकरूम
गांधीनगर में अमित शाह के चुनाव प्रचार अभियान प्रबंधकों में वे लोग शामिल हैं जो 1997 में अहमदाबाद में सरखेज विधानसभा क्षेत्र का पहली बार चुनाव लड़ते वक़्त उनके साथ थे.
एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा शाह के भरोसेमंद सहयोगी में से एक हर्षद पटेल हैं, जो भाजपा अध्यक्ष के लोकसभा प्रभारी हैं. पटेल उस समय जिला महासचिव थे. फिर वे भाजपा उपाध्यक्ष बने. वह 90 के दशक के बाद से अमित शाह के साथ हैं.
एक अन्य नेता जो अभियान टीम का हिस्सा हैं उन्होंने कहा कि गांधीनगर में तैनात अमित शाह के अन्य भरोसेमंद सहयोगी बिपिन पटेल गोटा हैं. अहमदाबाद में कृषि उपज मंडी समिति (एपीएमसी) के निदेशक गोटा भी शाह के साथ सरखेज के उपचुनाव के दिनों से हैं. गोटा सभी समूह बैठकों, सार्वजनिक कार्यक्रमों के प्रभारी हैं.
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शाह की मीडिया रणनीति को नवीन भाई पटेल देखते हैं, जिनका शाह के साथ जुड़ाव 1992 से है. नवीन ने दिप्रिंट को बताया कि जब से अमित शाह भाजपा में सचिव थे तब से वह उनकों जानते हैं. अमित शाह के बारे में सबसे अच्छी बात है कि वह जानते हैं कि कौन किस लायक है. हम यह नहीं देख पाते कि हम किस काम में अच्छे हैं लेकिन शाह इसे देख सकते हैं और उसके अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को कार्य सौंप सकते हैं.
शाह 1997 में सरखेज और फिर बाद में 1998, 2002 और 2007 में इसी सीट से चुने गए थे. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को यहां आने की जरूरत नहीं है. अमित शाह को अपनी टीम पर भरोसा है.
एक वरिष्ठ नेता ने कहा ‘वह सबको जानते हैं और उन्होंने (शाह) इस निर्वाचन क्षेत्र में पूरे जीवन काम किया है. इसके बावजूद उन्होंने तीन बार निर्वाचन क्षेत्र का दौरा किया है.’
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