विवादास्पद इस्लामी स्कॉलर ज़ाकिर नाइक ने पाकिस्तान के एक अनाथालय में अनाथ बच्चियों से बात करने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि ये बच्चियां ‘ना-महरम’ हैं और इसलिए वह उनसे बातचीत नहीं करेंगे. नाइक को वहां बच्चियों पुरस्कार देने के लिए मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था. उनके इस कृत्य की वजह से तमाम पाकिस्तानी अब उन्हें उनके “स्त्री-द्वेषी या महिला विरोधी” करार दे रहे हैं.
इस्लाम में, कोई भी महिला उस व्यक्ति के लिए ना-महरम होती है जिसका उसके साथ खून का रिश्ता नहीं होता है. नाइक ने कहा, “आप उन्हें छू नहीं सकते या उन्हें अपनी बेटियां नहीं कह सकते.”
वायरल वीडियो में, अनाथ बच्चियों की सहायता करने वाले पाकिस्तान स्वीट होम फाउंडेशन के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में नाइक को मंच से उतरते हुए देखा जा सकता है जिस वक्त बच्चियां उनके पास आती हैं. जब अनाउंसर ने लड़कियों को अपनी ‘बेटियां’ कहा, तो नाइक ने कहा कि यह ठीक नहीं है. उन्होंने कहा, “आप उन्हें छू नहीं सकते या उन्हें अपनी बेटियां नहीं कह सकते क्योंकि ये ‘ना-महरम’ हैं.” पाकिस्तानियों ने इसे ऊंचे दर्जे का ‘स्त्री-विरोधी’ करार दिया.
वकील सारिया बेनज़ीर ने एक्स पर लिखा, “डॉ. जाकिर नाइक धर्म के जानकार और पाकिस्तान में मेहमान हैं, लेकिन मुझे उनका यह कृत्य बहुत ही घृणित, चरम स्त्री-विरोधी लगता है. इन बेचारी छोटी लड़कियों के लिए यह कितना शर्मनाक और परेशान करने वाला रहा होगा!”
जाने-माने अर्थशास्त्री यूसुफ नज़र ने और भी ज़्यादा स्पष्ट तरीके से कहा.
उन्होंने लिखा, “पाकिस्तान को ज़ाकिर नाइक जैसे और फंडो की ज़रूरत नहीं है, उसके पास पहले से ही बहुत सारे फंडो हैं.”
पत्रकार अब्बास नासिर ने तो उन्हें आमंत्रित करने के लिए सरकार को दोषी ठहराया और पीएमएलएन को “राइट-ऑफ” कहा.
उन्होंने एक्स पर लिखा, “मैं सोच रहा था कि ज़ाकिर नाइक पाकिस्तान कैसे आ गया. पता चला कि उसे पीएमएलएन सरकार ने आमंत्रित किया था; राणा मशूद ने उसका स्वागत किया. वह चार हफ़्तों तक लोगों के दिमाग को गंदा करेगा. वैधता के लिए हाथ-पैर मारती सरकार यही करती है.”
सोशल मीडिया यूज़र इस पर दया दिखाने वाले नहीं थे. एक एक्स यूजर ने कहा, “ऑलराइट ब्वॉयज़, इस जाकिर नाइक के पाकिस्तान दौरे के एपिसोड 3 में हमने उसे इस देश के सबसे मेहनती एनजीओ मालिकों में से एक को शर्मिंदा करते हुए दिखाया है क्योंकि अनाथ बच्चे ‘ना-महरम’ थे और उन्हें छुआ नहीं जा सकता था, और क्या वे उसकी बेटियां नहीं थीं? एक अन्य यूजर ने नाइक जैसी मानसिकता को “लड़कियों की प्रगति में सबसे बड़ी बाधा” कहा.
और विवाद
लेकिन यह यहीं खत्म नहीं हुआ. नाइक को लेकर पूरा दिन विवाद होता रहा और इंटरनेट ने उसके कार्यों को उजागर करने का कोई मौका नहीं छोड़ा. पहले पाकिस्तान में उसके निमंत्रण की देश में कड़ी आलोचना हुई, फिर एक अन्य वीडियो में उसने कहा कि “ढंग से कपड़े पहनने से यौन उत्पीड़न से बचाव होता है”.
जहां एक ओर गुस्साए सोशल मीडिया यूजर्स ने नाइक के उपदेश को “बलात्कार के लिए माफी” कहा, वहीं एक यूजर ने उन्हें एक सरल सलाह दी: “डॉ. साहब, वापस जाओ.”
यह नाइक की तीस साल में पहली पाकिस्तान यात्रा है; उनकी आखिरी यात्रा 1992 में हुई थी, जब उन्होंने भारत लौटने से पहले लाहौर में धार्मिक विद्वान डॉ. इसरार अहमद से मुलाकात की थी. हालांकि मूल रूप से भारत का रहने वाला जाकिर अब अपने देश में कानूनी मुद्दों की वजह से मलेशिया में रहता है, जिसने कई मामलों में उसके प्रत्यर्पण का प्रयास किया है.
इस्लामाबाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने पर, नाइक का धार्मिक मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों और पीएम शहबाज शरीफ के सहयोगी राणा मशूद ने स्वागत किया. अपनी यात्रा के दौरान, 5 अक्टूबर को कराची में नाइक का जनसभाओं के संबोधन का कार्यक्रम है, उसके बाद 12 अक्टूबर को लाहौर और 19 अक्टूबर को इस्लामाबाद में भाषण का कार्यक्रम है. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जाकिर नाइक का यह दौरा सरकार के निमंत्रण पर हो रहा है और उनके एक महीने के प्रवास के दौरान उन्हें व्यापक सुरक्षा प्रदान की जाएगी.
इन सबके बीच, पॉडकास्ट पाकिस्तान एक्सपीरियंस के होस्ट शहजाद शेख ने शायद एक्स पर अपनी पोस्ट के साथ देश के मूड को पकड़ लिया: “भारत में कोल्डप्ले टूर कर रहा है और पाकिस्तान में जाकिर नाइक”.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)
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