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Saturday, 21 December, 2024
होमविदेशकैलीफोर्निया के डेथ वैली में दुनिया का अभी तक का ‘सबसे गर्म’ 54.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया

कैलीफोर्निया के डेथ वैली में दुनिया का अभी तक का ‘सबसे गर्म’ 54.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया

तापमान को विश्व मौसम विज्ञान संगठन को सत्यापित करना होगा और, अगर सही साबित होता है तो यह दुनिया का अभी तक सबसे विश्वसनीय रिकार्ड में सबसे अधिक होगा.

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बेंगलुरू: कैलीफ़ोर्निया की डेथ वैली का रविवार दोपहर के बाद उच्च तापमान 54.4 डिग्री सेल्सियस (130°F) रिकार्ड किया गया. यह आधुनिक इतिहास में पृथ्वी का अब तक का सबसे अधिक कहा जा सकता है.

डेथ वैली उत्तरी अमेरिका के मोजावे रेगिस्तान का हिस्सा है. फर्नेस क्रीक, जहां तापमान दर्ज किया गया था, को अरब प्रायद्वीप और सहारा में रेगिस्तान के साथ, पृथ्वी पर सबसे गर्म स्थानों में से एक माना जाता है. यह समुद्र तल से 190 फीट नीचे अमेरिका का सबसे कम, सबसे शुष्क और सबसे गर्म स्थान है.

अमेरिका के राष्ट्रीय मौसम सेवा के अनुसार, रविवार को दोपहर स्थानीय समयानुसार 3.41 बजे यह तापमान दर्ज किया गया. हालांकि, इसे विश्व मौसम विज्ञान संगठन को इसे सत्यापित करना पड़ेगा.

यदि यह सही साबित होता है, तो यह रिकॉर्ड दुनिया में सबसे अधिक विश्वसनीय दर्ज तापमान में सबसे अधिक होगा.

उत्तरी अमेरिका का पश्चिमी तट पिछले कई दिनों से ऐतिहासिक गर्म लपटों की जद में है. पिछले हफ्ते कई शहरों ने तापमान के रिकॉर्ड बनाए हैं.

पहले के रिकॉर्ड

आधुनिक इतिहास में, इससे पहले दो बार उच्च तापमान दर्ज किया गया है लेकिन उन्हें जांचने का आज की तरह कोई विश्वसनीय और सटीक तरीका नहीं था.

1931 में, ट्यूनीशिया के फ्रांसीसी शहर केबिली ने 55 डिग्री सेल्सियस का रिकॉर्ड बनाया था. एक सदी पहले, 1913 में, डेथ वैली ने चर्चित 56.7 डिग्री सेल्सियस का उच्च तापमान दर्ज किया था.

लेकिन ट्यूनीशियाई रिकॉर्ड में औपनिवेशिक काल की विसंगतियां पाई गईं और कुछ मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक 1913 का डेथ वैली का तापमान ‘मौसम विज्ञान के अवधारणा‘ में अंसभव माना गया है.


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अब तक, दो विश्वसनीय तौर पर रिकॉर्ड किए गए तापमान के उच्च स्तर 2016 में कुवैत के मित्रीबाह और 2017 में पाकिस्तान के तुर्बत में रहे हैं. दोनों स्थानों पर उच्च तापमान 54 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. 2013 में डेथ वैली में एक विश्वसनीय रीडिंग और 2016 में इराक के बसरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने 53.9 डिग्री सेल्सियस का तापमान दर्ज किया गया है.

कुवैत के सुलैबिया ने फिर से 2012 में 53.6 डिग्री सेल्सियस का रिकार्ड दर्ज किया था, जबकि पाकिस्तान में मोहनजो-दारो ने 2010 में 53.5 डिग्री सेल्सियस का रिकार्ड दर्ज किया था.

इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) के अनुसार, वर्तमान में दुनिया में हर दशक 0.2° C का तापमान बढ़ रहा है, और पूर्व-औद्योगिक समय से पृथ्वी का औसत तापमान 1°C से अधिक बढ़ा है. पेरिस समझौते का लक्ष्य इस वृद्धि को आधा डिग्री तक कम करना है.

विभिन्न भौगोलिक स्थानों में औसत तापमान में वृद्धि समान नहीं है. ध्रुवीय क्षेत्र दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में दोगुने तेजी से गर्म होते हैं, जहां गर्म क्षेत्र और ज्यादा गर्म और ठंडे क्षेत्र गर्म होते हैं.

अत्यधिक गर्म की घटनाएं

अमेरिका के पश्चिमी तट पर गर्म लहर अपने साथ अन्य चरम घटनाएं भी लेकर आई है.

वाइल्डफायर, जो साल के इस समय आम बात हैं, उच्च तीव्रता के साथ बढ़ रहा है, कैलीफोर्निया के लॉयल्टन में तेजी से फैलते हुए, हजारों एकड़ वन भूमि को नष्ट कर रहा है. रेनो, नेवादा में राष्ट्रीय मौसम सेवा ने पहली बार आग के बवंडर के लिए चेतावनी जारी की थी.

फ़िरनाडोज़ (आग के गोले) तब बनते हैं जब वाइल्डफ़ायर बड़ी मात्रा में धुआं उत्पन्न करते हैं जो हवा के एक विशाल टावर बनाते हुए तूफानी बादल के रूप में उठते हैं, जिसे पाइरोकोमुलनिम्बस कहा जाता है.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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