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सोमवार, 21 अप्रैल, 2025
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गर्मी बढ़ने पर भी पहाड़ों पर चढ़ते समय ठंड क्यों बढ़ती है?

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(जेम्स रेनविक, विक्टोरिया यूनिवर्सिटी ऑफ वेलिंगटन)

वेलिंगटन, 21 अप्रैल (द कन्वरसेशन) यदि गर्मी बढ़ती है, तो पहाड़ों पर चढ़ते समय ठंड क्यों बढ़ती है? ऐसा आखिर क्यों होता है।

दरअसल जब हवा गर्म होती है, तो यह ऊपर उठती है। इसकी मदद से ही ग्लाइडर ऊपर की ओर उड़ सकते हैं और दक्षिण अमेरिकी कोंडोर जैसे बड़े शिकारी पक्षी घंटों तक इसकी मदद से हवा में रह पाते हैं।

लेकिन हवा के तापमान को प्रभावित करने वाली कई अन्य चीजें भी हैं। जब हवा ऊपर उठती है, तो यह फैलती है क्योंकि ऊंचाई के साथ हवा का दबाव कम होता जाता है। हवा में मौजूद ऊर्जा अधिक मात्रा में फैल जाती है और इसका तापमान कम हो जाता है।

गर्म हवा ऊपर उठने पर ठंडी हो जाती है, जब तक कि यह अपने आस-पास की हवा के तापमान तक नहीं पहुंच जाती।

लेकिन हमारे आस-पास हवा ऊपर क्यों उठती है?

ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे आस-पास की हवा नीचे से, पृथ्वी की सतह से गर्म होती है।

जब सूर्य चमक रहा होता है, तो यह वायुमंडल के सबसे निचले कुछ किलोमीटर (क्षोभमंडल) में हवा को गर्म नहीं करता है क्योंकि उस हवा में सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करने के लिए बहुत कम गैस होती हैं।

सूर्य की किरणें पृथ्वी को गर्म करती हैं, हवा को नहीं। फिर हवा नीचे से, जमीन से गर्म होती है, ठीक वैसे ही जैसे चूल्हे पर रखे बर्तन में पानी बर्तन के नीचे से गर्म होता है।

पृथ्वी का ग्रीनहाउस

पृथ्वी ज्यादातर ऊर्जा को ऊष्मा या अवरक्त विकिरण (दृश्य प्रकाश से अधिक लंबी लेकिन सूक्ष्म तरंगों से कम तरंगदैर्ध्य के साथ) के रूप में अंतरिक्ष में वापस भेजती है, और हवा में बहुत सारी गैस हैं जो इस तरह के विकिरण को अवशोषित करने में अच्छी हैं, भले ही वे सूर्य की ऊर्जा को महसूस न करें।

इन्हें हम ग्रीनहाउस गैस कहते हैं – जल वाष्प, कार्बन डाईऑक्साइड, मीथेन और इसी तरह की अन्य गैसें। चूंकि ये हवा में हैं, इसलिए अवरक्त ऊर्जा का अवशोषण हवा को गर्म करने का मुख्य तरीका है।

फिर से, जमीन के पास की हवा ऊर्जा के इस अवशोषण से सबसे अधिक गर्म होती है। पृथ्वी के पास की गर्म हवा उछालदार होती है, इसलिए यह अक्सर वायुमंडल में ‘उबलती’ है, ठीक वैसे ही जैसे चूल्हे पर रखे बर्तन में पानी।

लेकिन वायुमंडल में, ऊंचाई के साथ दबाव में कमी यह तय करती है कि जैसे-जैसे आप ऊपर जाते हैं, तापमान कम होता जाता है। जब हमारे पास हवा में जल वाष्प होती है, तो यह एक अलग कहानी होती है। जैसे-जैसे हवा ऊपर उठती है और ठंडी होती है, यह इतनी जल वाष्प को पकड़ नहीं पाती है, इसलिए कुछ वाष्प को वापस तरल पानी में संघनित होना पड़ता है।

बादल, बारिश और बिजली

बादल और बारिश इसलिए होते हैं क्योंकि ऊंचाई के साथ तापमान कम होता है। इस तरह से बनने वाले बादल, ऊष्मीय रूप से ऊपर उठने वाली हवा के माध्यम से, ‘क्यूमलस’ बादल के रूप में जाने जाते हैं। ‘क्यूमलस’ में बादल फूलगोभी की तरह दिखते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ऊपर उठने वाली हवा के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग मात्रा में जल वाष्प होती है। इसलिए अलग-अलग मात्रा में ऊर्जा निकलती है, जिससे हवा अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग बहती है।

सबसे नम, सबसे अधिक उछाल वाली हवा सबसे ऊपर उठती है, जबकि सूखी और कम उछाल वाली हवा इतनी ऊपर नहीं जा पाती। अगर बहुत अधिक नमी है, तो गरज और बिजली के साथ-साथ बहुत अधिक बारिश हो सकती है। सिर्फ बारिश ही नहीं, बल्कि अक्सर ओले भी पड़ते हैं।

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ऐसे गहरे बादलों के ऊपरी हिस्सों में तापमान हिमांक से काफी नीचे होता है, इसलिए यह पानी की बूंदों के बजाय बर्फ के क्रिस्टल से बना होता है। ये बर्फ के क्रिस्टल आपस में चिपक कर ओले या बर्फ बना सकते हैं।

अब अपने मूल प्रश्न पर वापस आते हैं कि पहाड़ों में ठंड क्यों होती है? ऐसा इसलिए है क्योंकि जैसे-जैसे हम पहाड़ पर चढ़ते हैं, हम वायुमंडल की ठंडी परतों में जा रहे होते हैं। हम वायुमंडल की सतही परतों से ऊपर जा रहे होते हैं, कम दबाव में जा रहे होते हैं, और इससे तापमान गिरता है।

गर्म हवा अब भी पहाड़ की चोटी से ऊपर उठ सकती है, लेकिन यह समुद्र तल पर हवा की तुलना में शुरू में ठंडी होगी, क्योंकि यह कम दबाव पर है। माउंट एवरेस्ट जैसे बहुत ऊंचे पहाड़ों पर चढ़ने वाले पर्वतारोही आमतौर पर अपने साथ ऑक्सीजन सिलेंडर ले जाते हैं, क्योंकि ऐसी ऊंची चोटियों के पास हवा बहुत कम होती है।

यही कारण है कि पहाड़ों की चोटियों पर बर्फ जमी रहती है और साल भर ठंड रहती है।

(द कन्वरसेशन) वैभव मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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