(निसा सलीम, स्विनबर्न प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय)
मेलबर्न, पांच अगस्त (द कन्वरसेशन) अगर आपकी पसंदीदा ड्रेस या शर्ट धोने के बाद सिकुड़ जाए, तो आपका दिल टूटना लाजिमी है, खासकर तब जब आपने सभी दिशा-निर्देशों पर बारीकी से अमल किया हो। आपमें से कई ने महसूस किया होगा कि कुछ कपड़े अन्य की तुलना में ज्यादा सिकुड़ते हैं, लेकिन क्यों?
कपड़ा बनाने में इस्तेमाल होने वाले रेशों का विज्ञान समझकर आप न सिर्फ अपनी पसंदीदा ड्रेस को सिकुड़ने से रोक सकते हैं, बल्कि उसे धोते समय की जानी वाली गलतियों से भी बच सकते हैं।
——कैसे बनते हैं कपड़े——
-कपड़े आखिर क्यों सिकुड़ते हैं, यह जानने के लिए हमें पहले यह समझना होगा कि कपड़े बनते कैसे हैं। सूती और लिनन जैसे सामान्य रेशे पौधों से हासिल होते हैं। ये रेशे अपने प्राकृतिक स्वरूप में अनियमित आकार के और झुर्रीदार होते हैं। अगर आप इन रेशों के अंदर गहराई से देखेंगे, तो आपको लाखों छोटे, लंबी-शृंखला वाले सेल्यूलोज अणु नजर आएंगे, जो प्राकृतिक रूप से सर्पिल आकार में मौजूद होते हैं।
कपड़ा बनाते समय इन रेशों को यांत्रिक रूप से खींचा और मोड़ा जाता है, ताकि ये सेल्यूलोज शृंखलाएं सीधी हो जाएं और कतार में आ जाएं। इस प्रक्रिया में चिकने, लंबे धागे बनते हैं।
रासायनिक स्तर पर, ये शृंखलाएं ‘हाइड्रोजन बॉन्ड’ से जुड़ी होती हैं, जो रेशों और धागों को मजबूत एवं लचीला बनाते हैं। धागों को आपस में बुना या पिरोया जाता है, जिससे वे एक-दूसरे के साथ जुड़ते हैं और कपड़े का आकार लेते हैं।
हालांकि, इन रेशों की ‘फाइबर मेमोरी’ (मूल आकृति को याद रखने की क्षमता) बहुत अच्छी होती है। यही कारण है कि ये जब भी गर्मी, नमी या यांत्रिक क्रिया (जैसे आपकी वॉशिंग मशीन में घुमाना) के संपर्क में आते हैं, तो खुद बखुद ढीले पड़ जाते हैं और अपनी मूल सिकुड़ी हुई अवस्था में लौट आते हैं।
‘फाइबर मेमोरी’ के कारण ही कुछ कपड़ों पर आसानी से सिलवटें पड़ जाती हैं, जबकि कुछ कपड़े धोने के बाद सिकुड़ भी जाते हैं।
——धोने से क्यों सिकुड़ते हैं कपड़े——
-कपड़े क्यों सिकुड़ते हैं, यह समझने के लिए हमें फिर से आणविक स्तर पर जाना होगा। कपड़े धोने के दौरान, गर्म पानी रेशों के ऊर्जा स्तर को बढ़ाने में मदद करता है-यानी वे तेजी से हिलते हैं, जिससे उन्हें एक-दूसरे से जोड़े रखने वाले ‘हाइड्रोजन बॉन्ड’ टूट जाते हैं।
रेशों को जिस तरह से बुना या पिरोया जाता है, इसकी भी अहम भूमिका होती है। ढीले बुने हुए कपड़ों में धागों के बीच ज्यादा खुली जगह और लूप होते हैं, जो उन्हें न सिर्फ अधिक लचीला और सांस लेने योग्य बनाते हैं, बल्कि उनके सिकुड़ने की संभावना भी ज्यादा होती है। कसकर बुने हुए कपड़े ज्यादा प्रतिरोधी होते हैं, क्योंकि उनमें धागों के बीच ज्यादा जगह नहीं होती है, जिससे वे (धागे) अपनी जगह पर टिके रहते हैं।
इसके अलावा, सेल्यूलोज ‘हाइड्रोफिलिक’ होता है, यानी यह पानी को आकर्षित करता है। पानी के अणु रेशों के अंदर घुसकर उन्हें न सिर्फ फूला देते हैं, बल्कि अधिक लचीला एवं गतिशील बनाते हैं। इसके अलावा, वॉशिंग मशीन के अंदर ‘टंबल’ और ‘ट्विस्ट’ क्रिया भी होती है।
इस पूरी प्रक्रिया में रेशे ढीले पड़ जाते हैं और अपनी प्राकृतिक, कम खिंची हुई तथा सर्पिल अवस्था में लौट जाते हैं। नतीजतन, कपड़ा सिकुड़ जाता है।
——ठंडा पानी भी जिम्मेदार——
-कपड़े केवल गर्म पानी में धोने के कारण ही नहीं सिकुड़ते, जैसा कि आपने खुद रेयॉन से बने कपड़ों के साथ महसूस किया होगा। ठंडा पानी भी रेशों में घुसकर उन्हें फूला सकता है। वॉशिंग मशीन में कपड़े घूमने की प्रक्रिया के दौरान भी उनमें सिकुड़न आ सकती है।
सिकुड़न को कम करने के लिए आप कपड़े धोने के वास्ते ठंडे पानी के इस्तेमाल के अलावा वॉशिंग मशीन में सबसे धीमी ‘स्पिन’ गति का चयन कर सकते हैं, खासकर सूती और रेयॉन फैब्रिक के मामले में।
——ऊनी कपड़ों का क्या——
-अलग-अलग रेशे अलग-अलग तरीकों से सिकुड़ते हैं; ऐसा कोई एक तरीका नहीं है, जो सभी के मामले में लागू होता है।
सेल्यूलोज-आधारित कपड़े ऊपर बताए तरीके के अनुसार सिकुड़ते हैं, जबकि ऊन पशु से हासिल रेशा है, जो केराटिन प्रोटीन से बना होता है। इसकी सतह छोटी-छोटी, एक-दूसरे पर चढ़ी सतहों से ढकी होती है, जिन्हें ‘क्यूटिकल’ कोशिका कहते हैं।
धुलाई के दौरान ये ‘क्यूटिकल’ खुल जाते हैं और आस-पास के रेशों से जुड़ जाते हैं, जिससे रेशे आपस में उलझ जाते हैं। इससे कपड़े मोटे और छोटे लगने लगते हैं, दूसरे शब्दों में कहें, तो वे सिकुड़ जाते हैं।
——सिंथेटिक कपड़े ज्यादा क्यों नहीं सिकुड़ते——
-पॉलीस्टर या नायलॉन जैसे सिंथेटिक रेशे पेट्रोलियम-आधारित पॉलीमर से बने होते हैं, जिन्हें स्थिरता और टिकाऊपन के लिए डिजाइन किया गया है। इन पॉलीमर में अधिक क्रिस्टलीय क्षेत्र होते हैं, जो बेहद व्यवस्थित होते हैं और आंतरिक “ढांचे” के रूप में काम करते हैं, जिससे कपड़े में सिकुड़न नहीं आती।
——कपड़े को कैसे पुराने स्वरूप में लौटाएं——
-अगर आपका पसंदीदा कपड़ा धोते समय सिकुड़ गया है, तो आप इस आसान तरीके से उसे बचा सकते हैं। कपड़े को हेयर कंडीशनर या बेबी शैंपू (लगभग एक बड़ा चम्मच प्रति लीटर) मिले गुनगुने पानी में भिगोएं। फिर, उसे सावधानी से खींचकर वापस उसके मूल आकार में ले आएं और रस्सी या रैक पर टांगकर सुखाएं।
यह तरकीब इसलिए काम करती है, क्योंकि कंडीशनर में ‘कैटियोनिक सर्फेक्टेंट’ नामक रसायन होते हैं। ये रेशों को अस्थायी रूप से चिकना कर देते हैं, जिससे वे ज्यादा लचीले हो जाते हैं और आप उन्हें धीरे से उनके मूल आकार में वापस खींच सकते हैं।
(द कन्वरसेशन) पारुल नरेश
नरेश
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