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Thursday, 25 April, 2024
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क्यों एक ‘उदारवादी’ श्रीलंकाई राजनीतिक मंच के संयोजक को RSS ‘प्रभावशाली’ नजर आया

रसिका जयकोडी का मानना है कि आरएसएस एक मजबूत और एकजुट संगठन बनाने के लिए महत्वपूर्ण सीख देता है. NextGenSL को 2018 में लंका की समस्याओं को हल करने में मदद करने के लिए एक युवा राजनीतिक मंच के रूप में लॉन्च किया गया है.

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नई दिल्ली: उदारवादी विचारधारा का समर्थन करने वाले एक उभरते हुए श्रीलंकाई राजनीतिक दल के संयोजक को पाक स्ट्रेट क्षेत्र में प्रेरणा का एक अप्रत्याशित स्रोत मिल गया है और वो है- हिंदू राष्ट्रवादी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस).

NextGenSL कही जाने वाली श्रीलंकाई क्रॉस-पार्टी युवा पहल अपनी जड़ें जमाने और एक स्थायी संगठन बनाने की उम्मीद कर रही है ताकि भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति पर बेहतर तरीके से काम कर सके.

नेक्स्टजेनएसएल के सह-संयोजक रसिका जयकोडी के अनुसार, यहीं पर आरएसएस एक मजबूत और एकजुट संगठन बनाने के लिए एक उपयोगी ब्लूप्रिंट प्रदान करता है.

जयकोडी ने दिप्रिंट को बताया , ‘यह आरएसएस के समान मूल्यों और उद्देश्यों को अपनाने के बारे में नहीं है, बल्कि यह इस बात पर ध्यान देने के बारे में है कि आरएसएस को एक लंबे समय तक चलने वाले संगठन के निर्माण में कैसे अनुशासित किया गया है. यह प्रभावशाली है.’

वह कहते हैं, ‘NextGenSL के उद्देश्य आरएसएस से काफी अलग हैं. नेक्स्टजेनएसएल राजनीति में रुचि रखने वाले युवाओं को भ्रष्टाचार मुक्त तरीके से शासन करने के लिए प्रोत्साहित करने के बारे में है. हमारे मूल्य उदारवाद का समर्थन करते हैं और हम सभी राजनीतिक विचारधाराओं के सदस्यों के साथ मिलकर एक पहल कर रहे हैं.’

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NextGenSL क्या है?

नेक्स्टजेनएसएल को नवंबर 2018 में श्रीलंका की समस्याओं को हल करने में मदद करने के लिए एक युवा राजनीतिक मंच के रूप में लॉन्च किया गया था.

इसके दो सह-संयोजक हैं- पूर्व पत्रकार रसिका जयकोडी और मिलिंडा राजपक्षे. जयकोडी अब लिबरल डेमोक्रेटिक मूवमेंट नामक एक पहल की संयोजक हैं, तो वहीं राजपक्षे मौजूदा सरकार में सरकारी सूचना विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक और श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना पार्टी की कोलंबो नगर परिषद के पूर्व सदस्य हैं. पोदुजाना पेरामुना पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे द्वारा बनाया गया राजनीतिक दल है.

इसके छह अन्य मुख्य सदस्य भी उदारवाद और सामाजिक लोकतंत्र से लेकर रूढ़िवाद और साम्यवाद तक की राजनीतिक विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व करते हैं.

अनौपचारिक रूप से बनाया गया यह संगठन श्रीलंका में एक स्थायी स्थिरता बने रहने की उम्मीद करता है. क्योंकि देश एक विवादास्पद राजनीतिक संगठन की वजह से लाए गए आर्थिक संकट से अभी भी जूझ रहा है.

जयकोडी ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य श्रीलंका शासन में कानूनों में सुधार, अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता की वकालत करना है. चुनाव प्रचार और उम्मीदवारों की संपत्ति की घोषणा के लिए हम फाइनेंस को लेकर सख्त कानूनों की वकालत करते हैं और चुनाव से संबंधित गलत सूचनाओं का भी जवाब देते हैं.’


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RSS की तरह मजबूत बनने की ओर

मौजूदा समय में NextGenSL के पास स्थायी सदस्यता के आधार या भर्ती प्रक्रिया नहीं है. फिलहाल यह दानदाताओं से मिलने वाले पैसे से कार्यशालाएं या कार्यक्रम चलाता है.

उदाहरण के लिए पिछले साल मार्च में इसने जर्मनी-मुख्यालय फ्रेडरिक नौमन फाउंडेशन फॉर फ्रीडम की सहायता से राजनीति में महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया था. इसके पिछले कार्यक्रम वाशिंगटन डीसी स्थित इंटरनेशनल रिपब्लिकन इंस्टीट्यूट की सहायता से आयोजित किए गए हैं.

जयकोडी ने कहा, ‘जब भी महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित किया जाना होता है, हम घटनाओं, कार्यशालाओं या प्रेस को जानकारी देने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए एक साथ आते हैं. इसलिए, हम अभी भी एक पूर्ण संगठन की तुलना में समान विचारधारा वाले व्यक्तियों के समूह से कुछ अधिक हैं. हमें उम्मीद है कि नेक्स्टजेनएसएल पहल लंबे समय तक बने रहने वाले संगठन के तौर पर तैयार की जाएगी, जो श्रीलंका की राजनीतिक संस्कृति को प्रभावित कर सके.’

ऐसा करने के लिए NextGenSL को आम तौर पर औपचारिक प्रक्रियाओं और प्रणालियों के साथ एक पंजीकृत संगठन बनना होगा, जो देश में राजनीति को बदलने में रुचि रखने वाले अधिक युवा राजनीतिक कार्यकर्ताओं को आकर्षित करने और शिक्षित करने के लिए बनाया गया है.

इसी उद्देश्य से जयकोडी को आरएसएस उल्लेखनीय लगता है.

जयकोडी ने कहा, ‘किसी भी युवा पहल के लिए जो एक स्थायी संगठन बनने की उम्मीद करता है, जिस तरह से आरएसएस का निर्माण और प्रशासन किया गया है, वह संगठन बनाने के लिए जरूरी महत्वपूर्ण सीख देता है.’

उन्होंने कहा, ‘आरएसएस अपने सदस्यों को शिक्षित करने और आरएसएस के मूल्यों को स्थापित करने में सफल रहा है यानी उस संस्कृति और परंपराओं का निर्माण करने में जिसे उसके सदस्यों द्वारा अपनाया जाएगा और समाज में लागू किया जाएगा.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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