लंदन: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुक्रवार को कहा कि चाहे चीन के वुहान शहर में मांसाहारी वस्तुओं के बाजार की नॉवेल कोरोनावायरस के पैदा होने में बड़ी भूमिका रही हो, फिर भी वह दुनियाभर में ऐसे बाजारों को बंद करने की सिफारिश नहीं करता है.
एक प्रेस वार्ता में डब्ल्यूएचओ के खाद्य सुरक्षा एवं पशु रोग विशेषज्ञ पीटर बेन एम्बारेक ने कहा, मांसाहारी वस्तुओं के बाजार से दुनियाभर के करोड़ों लोगों को भोजन और आजीविका मिलती है और अधिकारियों को उन्हें बंद करने के बजाय उनमें सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, भले ही कई बार उनसे इंसानों में महामारियां फैलने का डर रहता है.
बेन एम्बारेक ने कहा,’इस माहौल में खाद्य सुरक्षा कठिन है और इसलिए कई बार बाजारों में ये चीजें हमें देखने को मिलती हैं.’
उन्होंने कहा कि अक्सर भीड़भाड़ वाले इन बाजारों में पशुओं से मनुष्यों तक बीमारी को फैलने के खतरे को कई तरीकों से कम किया जा सकता है जिनमें साफ-सफाई और खाद्य सुरक्षा के मानकों में सुधार करना तथा जिंदा पशुओं को इंसानों से अलग करना शामिल है.
उन्होंने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या वुहान के बाजार से चीन में कोरोना वायरस के शुरुआती कई मामले सामने आए और क्या वह उसका असल स्रोत है या उसने महज इस बीमारी को और फैलाने में भूमिका निभाई.
बेन एम्बारेक ने कहा कि चीन में उस पशु के स्रोत का पता लगाने के लिए जांच चल रही है जिससे कोविड-19 मनुष्यों में फैला.
WHO में जो विशेषज्ञ है वो या तो बेबकूफ है या फिर वो दूसरों को बेबकूफ समझ रहे हैं जो ये अभी तक वुहान की गलियों में कोविद 19 महामारी के स्रोत ढूंढ़ रहे हैं।जबकि दुनिया को पता है कि ये चीन के द्वारा फैलाया गया एक जैविक हथियार है, जिसके प्रयोग से वह दुनियां की अर्थव्यवस्था को तबाह करने की कोशिश की है और जिसमें वह काफी हद तक सफल भी रहा।