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Thursday, 25 April, 2024
होमविदेशबाइडन ने चीन के साथ बातचीत में 'स्वतंत्र और खुले' हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्धता जताई: व्हाइट हाउस

बाइडन ने चीन के साथ बातचीत में ‘स्वतंत्र और खुले’ हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्धता जताई: व्हाइट हाउस

व्हाइट हाउस के अनुसार राष्ट्रपति बाइडन ने क्षेत्र की समृद्धि के लिए नौवहन और सुरक्षित उड़ान की स्वतंत्रता के महत्व को दोहराया.

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वाशिंगटन/बीजिंग: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग के साथ एक ‘स्वतंत्र और खुले’ हिंद-प्रशांत क्षेत्र के महत्व पर चर्चा की और क्षेत्र में अपनी प्रतिबद्धताओं को बनाए रखने के लिए वाशिंगटन के निरंतर दृढ़ संकल्प के बारे में बताया. व्हाइट हाउस ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

लगभग साढ़े तीन घंटे तक जिनपिंग के साथ चली अपनी ऑनलाइन बैठक के दौरान, राष्ट्रपति बाइडन ने कई मुद्दों पर अमेरिका के इरादों और प्राथमिकताओं के बारे में चीनी राष्ट्रपति से खुलकर और सीधे बात करने के अवसर का स्वागत किया.

व्हाइट हाउस के अनुसार राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि अमेरिका ‘अपने हितों और मूल्यों के लिए हमेशा खड़ा रहेगा और अपने सहयोगियों और भागीदारों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करेगा कि 21वीं सदी के रास्ते में एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को आगे बढ़ाएं जो स्वतंत्र, खुली और निष्पक्ष हो.’

बयान के अनुसार उन्होंने एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के महत्व पर भी चर्चा की, और इस क्षेत्र में अपनी प्रतिबद्धताओं को बनाए रखने के लिए अमेरिका के निरंतर दृढ़ संकल्प के बारे में बताया. इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति बाइडन ने क्षेत्र की समृद्धि के लिए नौवहन और सुरक्षित उड़ान की स्वतंत्रता के महत्व को दोहराया.

अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया द्वारा एशिया-प्रशांत क्षेत्र में ऐतिहासिक सुरक्षा समझौते की घोषणा के दो महीने बाद बाइडन और जिनपिंग के बीच यह बैठक हुई.

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इस बीच, चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रपति जिनपिंग ने चीन-अमेरिका संबंधों के विकास और आपसी हित के महत्वपूर्ण मुद्दों पर बाइडन के साथ गहन वार्ता की. दोनों नेताओं ने रणनीतिक और महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया.

जिनपिंग ने शांति, विकास, समानता, न्याय, लोकतंत्र और स्वतंत्रता के लिए चीन की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला, जो मानवता के सामान्य मूल्य हैं.

जिनपिंग ने ‘ऑकस’ सुरक्षा गठबंधन और क्वाड के गठन के एक स्पष्ट संदर्भ में बाइडन से कहा, ‘वैचारिक सीमाएं खींचने या दुनिया को अलग-अलग गुटो या प्रतिद्वंद्वी समूहों में विभाजित करने से विश्व को ही नुकसान होगा. शीत युद्ध के कड़वे सबक अभी भी स्मृति में ताजा हैं. हमें उम्मीद है कि अमेरिकी पक्ष ठोस कार्रवाई करेगा ताकि ‘नये शीत युद्ध’ की कोई आशंका नहीं रहे.’

ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका ने एक त्रिपक्षीय सुरक्षा समझौते की घोषणा की है, जिसे ‘ऑकस’ कहा गया है.

चीनी विदेश मंत्रालय बताया कि राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा कि चीन और अमेरिका को संयुक्त राष्ट्र के साथ अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने की जरूरत है और अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के आधार पर अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नियंत्रित करने वाले बुनियादी मानदंड की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि चीन-अमेरिका सहयोग के बिना बहुपक्षवाद अधूरा है.

गौरतलब है कि फरवरी के बाद से जिनपिंग और बाइडन के बीच यह तीसरी वार्ता है. इससे पहले, दोनों नेताओं ने सितंबर में फोन पर लंबी बातचीत की थी. अमेरिका और चीन के बीच मौजूदा तनावपूर्ण संबंधों की पृष्ठभूमि में दोनों नेताओं ने यह बैठक की.

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