इस्लामाबाद: उत्तरी पाकिस्तान में गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग कड़ी सुरक्षा के बीच तीसरे विधानसभा चुनावों में हिस्सा ले रहे हैं. इस दौरान कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिये लोग मास्क लगाएं और सामाजिक दूरी के नियम का पालन करते दिखे.
निर्वाचन अधिकारियों ने कहा कि मतदान सुबह आठ बजे (स्थानीय समयानुसार) शुरू हुआ और शाम पांच बजे तक जारी रहेगा. मतदान का समय खत्म होने के बावजूद मतदान केंद्र में मौजूद लोगों को मत डालने दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि 24 सीटों पर चुनाव होना था लेकिन एक सीट पर मतदान स्थगित होने के चलते अब 23 सीटों पर चुनाव हो रहा है. उन्होंने कहा कि इन सीटों पर चार महिलाओं समेत कुल 330 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
भारत ने गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने के फैसले को लेकर पाकिस्तान की निंदा करते हुए कहा है कि सैन्य कब्जे वाले क्षेत्र की स्थिति को बदलने के लिये की गई किसी भी कार्रवाई का कोई कानूनी आधार नहीं है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने सितंबर में एक डिजिटल प्रेस ब्रीफिंग में कहा था, ‘सैन्य कब्जे वाले तथा कथित ‘गिलगित-बाल्टिस्तान’ में स्थिति को बदलने के लिये पाकिस्तान द्वारा की गई किसी भी कार्रवाई का कोई कानूनी आधार नहीं है और यह शुरू से ही अमान्य है.’
श्रीवास्तव ने कहा था, ‘हमारी स्थिति स्पष्ट व सतत है. जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के तहत आने वाला समस्त क्षेत्र भारत का अभिन्न अंग रहा है और है तथा आगे भी रहेगा.’
राजनीतिक सुधारों के 2010 में लागू होने के बाद विधानसभा का यह तीसरा चुनाव है.
कुल 1141 मतदान केंद्रों में से 577 को संवेदनशील व 297 को अतिसंवेदनशील घोषित किया गया है. गिलगित-बाल्टिस्तान, पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा, सिंध और बलूचिस्तान से 15 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को मतदान केंद्रों पर तैनात किया गया है. हालांकि सैन्य कर्मियों की तैनाती नहीं हुई है.
विशेषज्ञों ने यहां पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के बीच कड़े त्रिकोणीय मुकाबले का अनुमान लगाया है.
परंपरागत रूप से, केंद्र में सत्ताधारी दल गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव जीतता है.
पीपीपी ने 23 उम्मीदवार उतारे हैं जबकि पीएमएल-एन ने 21 प्रत्याशी खड़े किये हैं. पीटीआई ने दो सीटों पर स्थानीय दलों के साथ तालमेल किया है और शेष सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. क्षेत्र में शिया मुसलमानों की खासी संख्या है.
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