तोक्यो: जापान में रविवार को हो रहे राष्ट्रीय चुनाव प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के लिए पहली बड़ी परीक्षा होंगे जिनमें यह तय होगा कि कोरोनावायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था, देश की बुजुर्ग होती और तेजी से घटती आबादी तथा चीन एवं उत्तर कोरिया से आने वाली सुरक्षा चुनौतियों से निबटने के लिए उन्हें पर्याप्त जनादेश प्राप्त है या नहीं.
यह चुनाव जापान की संसद के निचले सदन की 465 सीटों के लिए हो रहे हैं. किशिदा की ‘लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी’ (एलडीपी) को कुछ सीटों का नुकसान होने का अनुमान है लेकिन अपनी गठबंधन सहयोगी कोमेटो के साथ उसे अब भी आसान बहुमत मिल सकता है.
सत्तारूढ़ दल में नेतृत्व की दौड़ जीतने के बाद किशिदा (64) इसी वर्ष चार अक्टूबर को प्रधानमंत्री बने हैं. पद संभालने के महज दस दिन बाद ही किशिदा ने निचला सदन भंग कर दिया. उन्होंने कहा कि काम आरंभ करने से पहले वह अपनी नयी सरकार के लिए मतदाताओं से जनादेश प्राप्त करना चाहते हैं.
जापान की संसद के 465 सदस्यीय निचले सदन में बहुमत का आंकड़ा 233 है. अभी एलडीपी के पास 276 सीटें हैं और मीडिया में आए सर्वेक्षण बताते हैं कि पार्टी को कुछ सीटों का नुकसान हो सकता है. चुनाव के नतीजे सोमवार तक आ सकते हैं.
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