scorecardresearch
Saturday, 20 April, 2024
होमविदेशयूक्रेन पर रूस के हमले के खिलाफ अमेरिका ICJ के फैसले का किया स्वागत

यूक्रेन पर रूस के हमले के खिलाफ अमेरिका ICJ के फैसले का किया स्वागत

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के अध्यक्ष अमेरिकी न्यायाधीश जोन ई. डोनोग्यू ने आईसीजे से कहा, ‘रूसी संघ को 24 फरवरी को यूक्रेन के क्षेत्र में शुरू किए अपने सैन्य अभियानों को तुरंत रोकना चाहिए.’

Text Size:

वाशिंगटन: अमेरिका ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के उस आदेश का स्वागत किया, जिसमें उसने रूस को यूक्रेन में अपने सैन्य अभियानों को तुरंत रोकने को कहा है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने इसे एक महत्वपूर्ण फैसला करार देते हुए कहा कि आईसीजे ने रूस को अपने सैन्य अभियान रोकने का ‘स्पष्ट रूप से’ आदेश दिया है.

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के अध्यक्ष अमेरिकी न्यायाधीश जोन ई. डोनोग्यू ने आईसीजे से कहा, ‘रूसी संघ को 24 फरवरी को यूक्रेन के क्षेत्र में शुरू किए अपने सैन्य अभियानों को तुरंत रोकना चाहिए.’

भारतीय न्यायाधीश दलवीर भंडारी ने रूस के खिलाफ मतदान किया था.

अदालत के आदेश का 13 न्यायाधीशों ने समर्थन किया, जबकि दो ने इसके खिलाफ मतदान किया. खिलाफ मत देने वालों में रूस के उप-राष्ट्रपति किरिल गेवोर्गियन और चीन के न्यायाधीश ज़ू हानकिन शामिल हैं.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

प्राइस ने कहा, ‘हम अदालत के आदेश का स्वागत करते हैं और रूसी संघ से आदेश का पालन करने, यूक्रेन में अपने सैन्य अभियानों को तुरंत रोकने और यूक्रेन में निर्बाध मानवीय पहुंच स्थापित करने का आह्वान करते हैं.’

प्राइस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत विवादों के शांतिपूर्ण समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली अदालत ने अपने फैसले में, देशों के युद्ध के कानूनों सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपने दायित्वों के अनुरूप कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया है.

यूक्रेन ने दो हफ्ते पहले अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) से हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हुए दलील दी थी कि रूस ने यूक्रेन पर नरसंहार करने का झूठा आरोप लगाकर और इसे मौजूदा आक्रमण के बहाने के रूप में इस्तेमाल करके नरसंहार रोकने संबंधी 1948 की एक संधि का उल्लंघन किया.


यह भी पढ़ें- ‘द कश्मीर फाइल्स’ देखने के बाद PM मोदी से बोले संत- वैदिक परंपरा स्थापित करने को घाटी में मिले जमीन


share & View comments