scorecardresearch
Monday, 23 December, 2024
होमविदेशअमेरिका-तालिबान शांति समझौता महज शब्दों पर नहीं बल्कि आचरण पर निर्भर: खलीलजाद

अमेरिका-तालिबान शांति समझौता महज शब्दों पर नहीं बल्कि आचरण पर निर्भर: खलीलजाद

दोहा में फरवरी में अमेरिका और तालिबान के बीच हुए समझौते में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की योजना है और उसके बदले में आतंकवादी संगठन सुरक्षा गारंटी देगा.

Text Size:

वाशिंगटन: अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि अमेरिका-तालिबान शांति समझौता शर्तों पर आधारित है और अमेरिका द्वारा उसका क्रियान्वयन आतंकवादी संगठन के ‘महज शब्दों पर नहीं’ बल्कि ‘आचरण’ पर निर्भर करेगा.

दोहा में फरवरी में अमेरिका और तालिबान के बीच हुए समझौते में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की योजना है और उसके बदले में आतंकवादी संगठन सुरक्षा गारंटी देगा.

इस करार के तहत अमेरिका 14 महीने में 12,000 सैनिकों को वापस बुलाएगा . तब से एक चौथाई सैनिक कम भी हो गये हैं. तालिबान ने वचन दिया है कि वह अलकायदा समेत अन्य संगठनों को अफगान जमीन का इस्तेमाल भर्ती, प्रशिक्षण, ऐसी गतिविधियों के लिए धन जुटाने के लिए नहीं करने देगा जो अमेरिका या उसके सहयोगियों के लिए खतरा पैदा करेगी.

अफगानिस्तान सुलह के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जाल्मेय खलीलजाद ने मंगलवार को अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की निगरानी एवं सुधार समिति की राष्ट्रीय सुरक्षा उपसमिति के सामने कहा, ‘ यह समझौता शर्तों पर आधारित है…यदि हमें समझौते को लागू करना है तो हमें उसके शब्दों को नहीं बल्कि उसके बर्ताव को देखना होगा.’


यह भी पढ़ें: तालिबान और अफगानिस्तान के बीच शांति वार्ता के बाद क्या महिलाओं के हक महफूज रह पाएंगे


 

share & View comments