वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प दोबारा निर्वाचित होने से पहले रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी हासिल करने के लिए अपने प्रतिद्वंदियों से मुकालबा कर रहे हैं और इसी कड़ी में सोमवार को हुए आयोवा कॉकस चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की. वहीं विरोधी डेमोक्रेटिक पार्टी के आयोवा कॉकस के नतीजे तकनीकी परेशानी की वजह से मंगलवार तक घोषित नहीं किए जा सके.
रिपब्लिकन पार्टी के आयोवा कॉकस का चुनाव होने के साथ ही 2020 राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया की औपचारिक शुरूआत हो गई है. डेस मोइंनेस रजिस्टर अखबार की ओर से जारी अंतिम आंकड़ों के मुताबिक ट्रम्प को पार्टी कॉकस में 95 प्रतिशत समर्थन मिला.
एसोसिएट प्रेस के मुताबिक ट्रम्प को 97 प्रतिशत मत मिले वहीं आठ प्रतिशत परिसीमा में उन्होंने जीत दर्ज की. इलिनॉयस से प्रतिनिधि सभा के पूर्व सदस्य जो वाल्स को 1.4 फीसदी मत मिले जबकि एक और प्रतिद्वंद्वी मैसाच्युसेट्स के पूर्व गवर्नर बिल वेल्ड को 1.2 प्रतिशत मतों से संतोष करना पड़ा.
ट्रम्प के चुनाव अभियान के लिए बनाए गए आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कहा गया, ‘रिपब्लिकन पार्टी कभी इतनी एकजुट नहीं थी.’
वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी के करीब एक दर्जन प्रत्याशियों में से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुनने के लिए सोमवार रात को घंटों तक जमे लोगों को उस समय निराशा हाथ लगी जब चुनाव के नतीजे घोषित नहीं किए गए.
राज्य के पार्टी पदाधिकारियों ने कहा कि मंगलवार देर शाम को नतीजों की घोषणा की जाएगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस देरी की वजह हैकिंग या हस्तक्षेप नहीं है. हालांकि, आधिकारिक नतीजे आने से पहले ही डेमोक्रेट के संभावित उम्मीदवारों पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाइडेन, वर्नमोंट के सीनेटर बर्नी सैंडर्स आदि ने जीत के दावे के किए.
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव प्रणाली में राजनीतिक दलों को सभी 50 प्रांतों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. यह प्रक्रिया कॉकस या प्राइमरी के जरिए होती है.इससे राजनीतिक दल राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार चुनते हैं.
प्राइमरी के विजेताओं को अंतत: डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टियां अपना अपना उम्मीदवार घोषित करती हैं. राष्ट्रपति पद के लिए नवंबर 2020 में चुनाव होना है.