वाशिंगटन: अमेरिका के एक शीर्ष रिपब्लिकन सांसद स्टीव चाबोट ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान और उसकी इंटेलीजेंस सर्विस ने अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद को उस संगठन की जीत का जश्न मनाते देखना बेहद घृणित है, जो अफगानिस्तान के लोगों के लिए ‘अनकही क्रूरता’ लाएगा.
‘इंडिया कॉकस’ के सह-अध्यक्ष चाबोट ने ‘हिंदू पॉलिटिकल एक्शन कमेटी’ के रविवार को एक ऑनलाइन कार्यक्रम में भारत के अफगानिस्तान के उन धार्मिक अल्पसंख्यकों का स्वागत करने के कदम की सराहना की, जिनके पास तालिबान के शासन से डरने के उचित कारण हैं.
चाबोट ने कहा, ‘इससे उलट, हम सभी को पता है कि पाकिस्तान और खासकर उसकी गुप्तचर सेवा ने तालिबान के पैर पसारने और देश पर कब्जा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. पाकिस्तानी अधिकारियों को उस संगठन की जीत का जश्न मनाते देखना बेहद घृणित करने वाला है, जो अफगानिस्तान के लोगों के लिए अनकही क्रूरता लेकर लाएगा.’
उन्होंने कहा, ‘हालांकि, पाकिस्तान द्वारा धार्मिक अल्पसंख्यकों पर किए जा रहे उत्पीड़न पर यहां अमेरिका में बहुत कम ध्यान दिया जाता है. अच्छा होगा कि हम अपने साथी नागरिकों को इन दुर्व्यवहारों के बारे में जानकारी दें. अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और कम उम्र की हिंदू लड़कियों का बड़े उम्र के मुस्लिम पुरुषों से जबरन विवाह करने की जघन्य प्रथा इस तरह के उत्पीड़न को उजागर करती है.’
उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप महज अफवाह नहीं है.
रिपब्लिकन सांसद ने कहा कि प्रमुख समाचार संगठनों और मानवाधिकार समूहों ने इन प्रथाओं को उजागर किया है, जिसमें लड़कियों को किशोरावस्था में उनके परिवारों से अलग कर देना और उनका जबरन विवाह कराने जैसी दिल दहला देने वाली कहानियां शामिल हैं. इन उत्पीड़नों को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है.
चाबोट ने कहा कि अमेरिका में करीब 60 लाख हिंदू हैं और पूरे देश में हिंदू निर्विवाद रूप से समाज का एक अभिन्न अंग हैं. उन्होंने कहा, ‘मजबूत कार्य नैतिकता एवं उच्च शिक्षा प्राप्त कर हिंदू अमेरिकी सपने को साकार करने में भूमिका निभाते हैं. ये गुण हिंदुओं को देशभर के समुदायों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का मौका देता है और वे उन समुदायों की कई तरह से मदद भी करते हैं.’
उन्होंने कहा कि यही कारण है कि देशभर में हिंदू अमेरिकियों के खिलाफ भेदभाव में वृद्धि की खबरें इतनी चिंताजनक हैं. इस तरह के भेदभाव की अमेरिका में कोई जगह नहीं है.
चाबोट ने कहा, ‘हम सभी को इसे खत्म करने के तरीके तलाशने चाहिए.’
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