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Tuesday, 19 November, 2024
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बाइडन ने दी पीएम मोदी को सलाह, कहा- रूस से तेल आयात में तेजी लाना भारत के हित में नहीं

बैठक के दौरान बाइडन ने कहा कि रूस से अपने तेल आयात में तेजी लाना या इसे बढ़ाना भारत के हित में नहीं है. अभी भारत अपनी जरूरत का एक से दो फीसदी तेल रूस से जबकि 10 फीसदी तेल अमेरिका से आयात करता है.

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वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ सोमवार को डिजिटल बैठक में कहा कि यूक्रेन में रूस के युद्ध के ‘अस्थिर करने वाले प्रभावों’ से निपटने के लिए अमेरिका और भारत करीब से सलाह मशविरा करना जारी रखेंगे.

दोनों देशों के बीच गठजोड़ को और गहरा करने के उद्देश्य से आयोजित की गई बैठक में बाइडन ने शुरुआती संबोधन में कहा, ‘मैं आज होने वाली चर्चा का इंतजार कर रहा हूं. प्रधानमंत्री (मोदी) जी, हमारा संवाद और बातचीत जारी रखना यह सुनिश्चित करेगा कि अमेरिका और भारत के रिश्ते और गहरे तथा मजबूत हों…’

यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब यूक्रेन में संकट और गहरा गया है तथा रविवार को व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति बाइडन ‘यूक्रेन के विरुद्ध रूस के बर्बर युद्ध के नतीजों और उसके वैश्विक खाद्य आपूर्ति तथा बाजार पर पड़ने वाले अस्थिरकारी प्रभावों पर करीब से सलाह मशविरा जारी रखेंगे.’

बाइडन ने कहा, ‘मैं यूक्रेन के लोगों के लिए भारत द्वारा भेजी जा रही मानवीय सहायता का स्वागत करता हूं. यूक्रेन के लोग भयानक हमला झेल रहे हैं और पिछले सप्ताह एक ट्रेन स्टेशन पर गोलाबारी हुई जिसमें दर्जनों निर्दोष बच्चे और महिलाएं मारे गए.’

व्हाइट हाउस के साउथ कोर्ट ऑडिटोरियम में एक गोलमेज के सिरे पर बैठकर बाइडन ने यह बयान दिया. भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर, बाइडन के बाएं बैठे थे और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन तथा रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन उनके दाहिने विराजमान थे.

अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू और बाइडन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान भी उस कक्ष में बैठे थे. राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका और भारत ‘इस रूसी युद्ध के अस्थिर करने वाले प्रभावों’ से निपटने के लिए करीब से सलाह मशविरा करना जारी रखेंगे.

उन्होंने कहा, ‘हमारे बीच एक मजबूत और बढ़ती हुई रक्षा साझेदारी है. हमारी साझेदारी की जड़ में हमारे लोगों, पारिवारिक मित्रता और साझा मूल्य का गहरा जुड़ाव है.’ डिजिटल माध्यम से यह बैठक ऐसे समय में हुई जब यूक्रेन संकट पर भारत के रुख और रियायती दरों पर रूस से तेल खरीदने के उसके फैसले को लेकर अमेरिका में बेचैनी है.

भारत और अमेरिका को दो ‘जीवंत लोकतंत्र’ करार देते हुए बाइडन ने कहा, ‘कोविड-19 पर जिन वैश्विक चुनौतियों का हम सामना कर रहे हैं उन पर हमारी चिंताएं समान हैं. हमें स्वास्थ्य सुरक्षा को उन्नत करना है और जलवायु संकट का समाधान करना है। हमारे बीच एक मजबूत और उभरती हुई रक्षा साझेदारी है.’

बाइडन ने मोदी से कहा कि वह 24 मई को जापान में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन में उनसे मुलाकात करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि रूस से तेल की खरीद बढ़ाना भारत के हित में नहीं है और वह ऊर्जा आयात में और विविधता लाने में भारत की मदद करने को तैयार हैं. व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी.

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने संवाददाताओं से कहा कि बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई डिजिटल बैठक के दौरान यह टिप्पणी की.

साकी ने मोदी-बाइडन वार्ता के तुरंत बाद अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा कि वार्ता रचनात्मक रही और भारत के साथ संबंध अमेरिका और राष्ट्रपति के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं.

बैठक के दौरान बाइडन ने कहा कि रूस से अपने तेल आयात में तेजी लाना या इसे बढ़ाना भारत के हित में नहीं है. अभी भारत अपनी जरूरत का एक से दो फीसदी तेल रूस से जबकि 10 फीसदी तेल अमेरिका से आयात करता है.

साकी ने कहा कि अमेरिका ऊर्जा संसाधनों में और विविधता लाने में भारत की मदद करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि भारत का रूस से तेल और गैस खरीदना किसी भी प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं है.

बता दें कि रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला किए जाने के मामले में भारत ने अपना रुख संतुलित रखते हुए कहा है कि बातचीत से हल निकाला जाना चाहिए. यूएन में वोटिंग के दौरान भी भारत ने वोटिंग से अपने को अलग रखा. अमेरिका भी रूस के सामने अभी खुलकर नहीं आया है. ऐसे में भारत काफी महत्त्वपूर्ण देश है जिससे अमेरिका और रूस सहित सारे देश बात कर कर रहे हैं.


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