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Thursday, 19 December, 2024
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अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी ताइवान पहुंची, चीन ने कहा- ‘इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी’

ताइवान की यात्रा को लेकर अमेरिका ने एक अधिकारिक बयान में कहा कि यह किसी भी तरह से यूएस नीति का खंडन नहीं करती है.

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नई दिल्ली: चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी ताइवान पहुंच गईं हैं. ताइवान पहुंच कर पेलोसी ने कहा कि हम यहां के लोगों के साथ हैं और अमेरिका लोकतंत्र का समर्थक है.

पेलोसी ने लगातार कई ट्वीट कर अपनी यात्रा के बारे में जानकारी दी. उन्होंने लिखा, ‘ताइवान के 23 मिलियन लोगों के साथ अमेरिका की एकजुटता आज पहले से कहीं अधिक अहम है क्योंकि दुनिया निरंकुशता और लोकतंत्र के बीच एक विकल्प का सामना कर रही है.’

ताइवान की यात्रा को लेकर अमेरिका ने एक अधिकारिक बयान में कहा कि यह किसी भी तरह से यूएस नीति का खंडन नहीं करती है और यह 1979 के ताइवान संबंध अधिनियम, यूएस-चीन संयुक्त विज्ञप्ति और छह आश्वासनों के अनुसार ही है.

अमेरिका ने बयान में कहा, ‘हमारी यात्रा ताइवान के कई कांग्रेस प्रतिनिधिमंडलों में से एक है और यह किसी भी तरह से संयुक्त राज्य अमेरिका की नीति का खंडन नहीं करता है, जो 1979 के ताइवान संबंध अधिनियम, यूएस-चीन संयुक्त विज्ञप्ति और छह आश्वासनों द्वारा निर्देशित है. संयुक्त राज्य अमेरिका यथास्थिति को बदलने के एकतरफा प्रयासों का विरोध करना जारी रखता है.’

अमेरिका ने बताया कि यह यात्रा सिंगापुर, मलेशिया, दक्षिण कोरिया और जापान सहित भारत-प्रशांत की उसकी व्यापक यात्रा का हिस्सा है जो पारस्परिक सुरक्षा, आर्थिक साझेदारी और लोकतांत्रिक शासन पर केंद्रित है.

बता दें कि पेलोसी की सुरक्षा को देखते हुए कम से कम 13 अमेरिकी वायु सेना के विमान जापान में सैन्य ठिकानों से रवाना किए गए थे. यह जानकारी जापानी मीडिया ने दी है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आठ अमेरिकी लड़ाकू जेट और पांच टैंकर जापान से रवाना हुए थे. बताया जा रहा है कि ये विमान पेलोसी के ताइपे जाने वाले एस्कॉर्ट थे.


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‘ताइवान कार्ड खेलना बंद करे अमेरिका’

वहीं, चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि अगर पेलोसी ताइवान की यात्रा करती हैं तो अमेरिका को इसकी कीमत चुकानी होगी.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने ट्वीट किया, ‘अमेरिका को ताइवान कार्ड खेलने की कोई भी कोशिश छोड़ देनी चाहिए और एक-चीन सिद्धांत और तीन संयुक्त समझौते का सख्ती से पालन करना चाहिए.’

प्रवक्ता ने आगे लिखा कि चीन ‘ताइवान स्वतंत्रता’ की ओर अलगाववादी कदमों और बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप का दृढ़ता से विरोध करता है.

हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की मंगलवार की रिपोर्ट के अनुसार, पेलोसी बुधवार को ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन से मुलाकात करेंगी.

खबरों के मुताबिक पेलोसी की यात्रा से पहले ताइवान के राष्ट्रपति कार्यालय की वेबसाइट पर मंगलवार को एक विदेशी साइबर ने हमला कर दिया जिसके बाद उसमें खराबी आ गई. हालांकि, वेबसाइट को जल्द ही ठीक कर लिया गया.

पेलोसी की यात्रा से अमेरिका और चीन के रिश्ते और ज्यादा तल्ख हो सकते हैं. इसका असर मंगलवार को स्टॉक और बॉन्ड यील्ड पर देखने को मिला. अमेरिकी शेयरों में दूसरे दिन गिरावट देखने को मिल रही है.

पेलोसी ने रविवार को पुष्टि की कि वह सिंगापुर, मलेशिया, दक्षिण कोरिया और जापान में एक कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगी.

बता दें कि सोमवार को चीन की सेना ने अपनी 95वीं वर्षगांठ मनाई और पेलोसी को रोकने के लिए शक्ति प्रदर्शन किया.

ताइवान को चीन अपनी मुख्य भूमि का हिस्सा बताता रहा है और पेलोसी की वहां जाने की कथित योजना से वह भड़का हुआ है.

पेलोसी की प्रस्तावित यात्रा पर चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग ने अपने अमेरिकी समकक्ष जो बाइडन को पिछले गुरुवार को फोन पर बातचीत में चेतावनी देते हुए कहा था कि ‘जो लोग आग से खेलते हैं वे इससे नष्ट हो जाएंगे.’


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