(शिरीष बी प्रधान)
काठमांडू, 16 फरवरी (भाषा) अमेरिका से वित्त प्राप्त विवादित मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन (एमसीसी) समझौता बुधवार को नेपाल की संसद के पटल पर रखा जाना था, लेकिन 50 करोड़ डॉलर के अनुदान के विषय पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प होने पर इसे टाल दिया गया।
नेपाल के राजनीतिक दल एमसीसी समझौते के तहत अमेरिकी अनुदान सहायता स्वीकार करने के मुद्दे पर विभाजित हैं। यह समझौता नेपाल की प्रतिनिधि सभा के समक्ष विचारार्थ है।
नेपाल और अमेरिका ने 2017 में इस समझौते पर हस्ताक्षर किया था। इसका उद्देश्य विद्युत पारेषण लाइन और राष्ट्रीय राजमार्ग जैसे नेपाल के बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है।
सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि बुधवार सुबह, एक बैठक में प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और सीपीएन (माओइस्ट सेंटर) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने एमसीसी अनुदान समझौते को प्रतिनिधि सभा में पेश नहीं करने का फैसला किया।
उन्होंने बताया कि समझौते को संसद में पेश करने के विषय पर कोई निर्णय लेने के लिए देउबा और प्रचंड ने सत्तारूढ़ गठबंधन की बृहस्पतिवार को एक बैठक करने का फैसला किया है।
पिछले हफ्ते अमेरिका ने नेपाल को चेतावनी दी थी कि यदि उसने 28 फरवरी तक एमसीसी के तहत अमेरिका के प्रस्तावित अनुदान सहायता का अनुमोदन नहीं किया तो वाशिंगटन काठमांडू के साथ अपने संबंधों की समीक्षा करेगा और इस नाकामी को चीन के हित से जोड़ कर देखेगा।
इस बीच, अमेरिका से सहायता प्राप्त 50 करोड़ डॉलर की परियोजना के पक्ष और विपक्ष में प्रदर्शन हुए।
भाषा सुभाष पवनेश
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