स्टीफन वोल्फ, अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रोफेसर, बर्मिंघम विश्वविद्यालय और अनास्तासिया बायोक, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में शोधकर्ता, हैम्बर्ग विश्वविद्यालय, हैम्बर्ग, 24 मार्च (द कन्वरसेशन) कई दिनों से ऐसी खबरें आती रही हैं कि बेलारूस यूक्रेन पर रूस के आक्रमण में शामिल होने के लिए सैनिकों को तैयार कर रहा है।
ऐसी आशंकाएं बढ़ रही हैं कि बेलारूस खुद पर झूठे हमले का बहाना बनाकर यूक्रेन पर रूसी हमले में शामिल हो सकता है।
बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्सांद्र लुकाशेंको ने टीबीएस टेलीविजन जापान के साथ एक साक्षात्कार में लगातार यूक्रेनी उकसावे के बारे में शिकायत की, जिसका उनके देश को अंततः ‘‘जवाब देना ही होगा’’।
यूक्रेन से बेलारूसी राजदूत का जाना संभावित खतरे का एक और अशुभ संकेत है।
इसके अलावा, यूक्रेन में रूस की प्रगति रुकी हुई है। कई दिनों से कीव के आसपास कोई खास प्रगति नहीं हुई है।
और उत्तर में खार्किव, चेर्निहाइव और सूमी सहित अन्य प्रमुख आबादी वाले इलाकों पर कब्जा करने के रूसी प्रयासों के बावजूद इनपर अभी यूक्रेन का कब्जा बना हुआ है।
इस बीच, पेंटागन ने ‘‘पहली बार यह आकलन किया है कि आक्रमण से पहले बेलारूस और अपने देश के पश्चिमी भाग में जमा हुई … रूसी सेना उपलब्ध युद्ध शक्ति के 90% के स्तर से थोड़ा नीचे हो सकती है …’’।
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय की एक ब्रीफिंग के अनुसार, उत्तरी यूक्रेन में अभियानों की कम रफ्तार इस बात का संकेत है कि रूस किसी ‘‘बड़े आक्रामक अभियान को फिर से शुरू करने से पहले पुनर्गठन में समय लगा रहा है।’’
रूस अपनी सेनाओं में से युद्ध के लिए तैयार सैनिकों को निकालने के लिए संघर्ष कर रहा है, इस पुनर्गठन का हिस्सा अतिरिक्त इकाइयों की लामबंदी हो सकता है। इसमें बेलारूस के सैन्यकर्मी शामिल हो सकते हैं।
वे या तो चल रहे ऑपरेशनों में शामिल होंगे, उदाहरण के लिए कीव के आसपास, या खार्किव से दक्षिण और मारियुपोल से उत्तर में एक साथ हल्ला बोलकर पूर्व में यूक्रेनी सेना को घेरने के रूसी प्रयासों को मजबूत करने के लिए इनका इस्तेमाल किया जाएगा।
बेलारूसी बलों का एक और संभावित उपयोग यूक्रेनी आपूर्ति लाइनों को बाधित करने के प्रयास में पश्चिम में संचालन का विस्तार करना होगा।
रूस की ओर से एक और जुझारू पार्टी के रूप में बेलारूस के युद्ध में शामिल होने की क्या संभावना है? यहां हमें कई कारकों पर विचार करने की आवश्यकता है।
लुकाशेंको के लिए एक कठिन विकल्प
सबसे पहले, लुकाशेंको और उनके शासन के पास निर्णय लेने में बहुत सीमित स्वायत्तता है।
डोनबास में कथित रूप से बिगड़ती स्थिति के कारण फरवरी में ‘‘एलाइड रिज़ॉल्व 2022’’ संयुक्त अभ्यास ‘‘विस्तारित’’ होने पर बेलारूस से रूसी सैनिकों की वापसी में विफलता ने यह स्पष्ट कर दिया कि पुतिन बेलारूस पर अपना पूरा अधिकार जमा रहे हैं।
यह लुकाशेंको को एक अनिश्चित स्थिति में डाल देता है। यूक्रेन के खिलाफ लड़ने के लिए बेलारूसी सैनिकों को भेजना उन्हें बेलारूस में और अधिक अलोकप्रिय बना देगा – इस तथ्य के बावजूद कि यह उनका निर्णय नहीं होगा, बल्कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का होगा।
यह 9 अगस्त 2020 के राष्ट्रपति चुनावों के बाद से बेलारूस में नहीं देखी गई विरोध की आग को भी हवा दे सकता है।
इसके अलावा, यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के लिए बेलारूसी सशस्त्र बलों, जिनके पास कोई वास्तविक युद्ध अनुभव नहीं है, के बीच उत्साह सीमित प्रतीत होता है।
इसमें वे सेवानिवृत्त सैन्य कर्मचारी शामिल हैं, जो कभी रूसी वेतन और पेंशन के बदले मास्को में खुशी-खुशी अपनी सेवाएं दिया करते थे, लेकिन अब अपनी स्थिति पर पुनर्विचार कर रहे हैं।
अपने शासन के मुख्य गारंटरों के समर्थन को संभावित रूप से खोने के जोखिम का मतलब है कि लुकाशेंको को रूस पर अपनी निर्भरता और अपने स्वयं के अस्तित्व के बीच की रेखा पर बड़े चौकस कदमों से चलना होगा।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि बेलारूस ने युद्ध में मध्यस्थता करने की कोशिश की है और अब तक अपने देश को संघर्ष में शामिल करने के यूक्रेनी और पश्चिमी प्रयासों का सफलतापूर्वक विरोध किया है।
इसके साथ ही, लुकाशेंको ने अपना ‘‘चीन कार्ड’’ खेलने की कोशिश की, जब उन्होंने चीनी राजदूत ज़ी शियाओओंग के साथ एक बैठक में जोर देकर कहा कि उनके दोनों देशों के बीच संबंध बेलारूसी विदेश और आर्थिक नीति के लिए मुख्य प्राथमिकता हैं।
इसे बेलारूस और चीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे आर्थिक संबंधों पर बल देकर रूसी प्रभाव को ‘‘संतुलित’’ करने के प्रयास के रूप में देखा जाना चाहिए।
इसमें बेल्ट एंड रोड पहल के हिस्से के रूप में बेलारूसी बुनियादी ढांचे में छह अरब अमेरिकी डॉलर का चीनी निवेश शामिल है।
तनाव को कम करने के लिए चीन की बार-बार अपील को देखते हुए, लुकाशेंको भी उम्मीद कर रहे होंगे कि बीजिंग मिन्स्क को युद्ध से बाहर रखने के लिए मास्को में अपने प्रभाव का उपयोग करेगा।
पुतिन की गणना
इसलिए पुतिन के लिए चुनाव शायद उतना सीधा नहीं है जितना कि लग सकता है। एक तरफ, बेलारूस… जो रूस के लिए एक महत्वपूर्ण साथी और प्रमुख सामरिक ठिकाना है… को अस्थिर करना नुकसान दायक हो सकता है, जिसे पुतिन पश्चिमी घेरे को रोके रखने वाली एक जायज दीवार के तौर देखते हैं।
दूसरी ओर, यूरोप में मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था को आगे बढ़ाने के पुतिन के उद्देश्य को यूरोपीय संघ और नाटो के साथ सीमा पर अधिक अराजकता पैदा करके भी पूरा किया जा सकता है, जबकि लुकाशेंको की खुद को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मॉस्को से स्वतंत्र रूप से पेश करने की क्षमता को और कम कर दिया जाएगा।
यही नहीं, रूस ने बेलारूस को कई वर्षों के लिए ऋणों के पुनर्भुगतान को स्थगित करने की अनुमति दी है।
पश्चिम के लिए भी एक विकल्प
लुकाशेंको द्वारा पुतिन के समर्थन के लिए बेलारूस पहले ही बड़ी कीमत अदा कर चुका है। युद्ध की शुरुआत के बाद से सैन्य उम्र के युवाओं सहित उत्प्रवास में वृद्धि हुई है। आईटी क्षेत्र के कुछ हिस्सों, विशेष रूप से विदेशी निवेशकों के स्वामित्व वाली कंपनियों ने बेलारूसी कर्मचारियों को अन्य देशों में स्थानांतरित कर दिया है।
जैसे-जैसे पश्चिमी प्रतिबंधों का विस्तार होता है, बेलारूस में आर्थिक स्थिति बिगड़ती जाएगी।
लुकाशेंको बिना संघर्ष के पद छोड़ेंगे ऐसी संभावना नहीं है, और पुतिन बेलारूस पर नियंत्रण नहीं छोड़ेंगे। लेकिन लुकाशेंको के शासन को आगे बढ़ाने की रूस की घटती क्षमता से बेलारूस में बदलाव की संभावना भी बढ़ जाती है।
ऐसे में यह सुझाव नहीं है कि पश्चिम को बेलारूस में शासन परिवर्तन को सक्रिय रूप से बढ़ावा देना चाहिए।
द कन्वरसेशन एकता एकता
एकता
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