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Monday, 18 November, 2024
होमविदेश'इस्लामोफोबिया की बू आती है,' यूक्रेनी राजदूत के 'रूसी हमले को राजपूतों पर मुगलों का नरसंहार' कहने पर भड़के ओवैसी

‘इस्लामोफोबिया की बू आती है,’ यूक्रेनी राजदूत के ‘रूसी हमले को राजपूतों पर मुगलों का नरसंहार’ कहने पर भड़के ओवैसी

यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने कहा कि भारत को यूक्रेन और रूस के राष्ट्रपतियों से बात करनी चाहिए. भारत ने ऐतिहासिक रूप से कई बार शांति को बनाने में मध्यस्थता की है.

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नई दिल्लीः रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा के एक बयान का काफी विरोध हो रहा है. पोलिखा ने यूक्रेन पर रूस के हमले की तुलना कथित तौर पर मध्यकाल में राजपूतों पर मुगलों के नरसंहार से कर दी. जिसे एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अधकचरा ज्ञान कहा और बोले महामहिम को मध्यकालीन भारतीय इतिहास के बारे में अपनी जानकारी अपने तक सीमित रखनी चाहिए.

खारकीव शहर में रूसी हमले में एक भारतीय छात्र की मौत के बाद वे नई दिल्ली स्थित भारतीय विदेश मंत्रालय पहुंचे थे. वहीं उन्होंने यह बयान दिया.

पत्रकारों से बात करते हुए पोलिखा ने कहा कि रूस का यूक्रेन पर हमला भारत में राजपूतों के खिलाफ मुगलों द्वारा किए गए नरसंहार जैसा है. हम दुनिया के सभी प्रभावशाली नेताओं और मोदी जी से अपील करते हैं कि वे यूक्रेन पर हो रही बमबारी और शेलिंग को रोकने के लिए सारे संसाधनों का प्रयोग करें.

पोलिखा के इस बयान पर कई लोगों ने आपत्ति की है. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महामहिम को मध्यकालीन भारतीय इतिहास के बारे में अपनी जानकारी अपने तक सीमित रखनी चाहिए.

ओवैसी ने कहा,  ‘इसमें इस्लामोफोबिया की बू आती है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘जो चल रहा है यह उसे गलत तरीके से पेश करने जैसा है. मुझे आश्चर्य है कि नरेंद्र मोदी का ध्यान अपनी तरफ खींचने के लिए उन्हें यह आइडिया कहां से मिला.’


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वहीं स्वीडन के उप्पसाला यूनिवर्सिटी में पीस एंड कॉन्फ्लिक्ट रिसर्च के प्रोफेसर अशोक स्वाइन ने कहा कि यह बेहतर होता अगर वे भारत में हिंदू दक्षिणपंथी लोगों की भाषा न बोलते.

इसके बाद भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि पहले मिलिट्री साइट्स पर बमबारी और शेलिंग हो रही थी लेकिन अब सिविल एरियाज़ में भी हो रही है.

भारत के पोजीशन पर असंतोष जाहिर किया

उन्होंने इस पूरे मामले पर भारत के पोजीशन से असंतोष जाहिर किया. उन्होंने कहा कि भारत को यूक्रेन और रूस के राष्ट्रपतियों से बात करनी चाहिए. भारत ने ऐतिहासिक रूप से कई बार शांति को बनाने में मध्यस्थता की है.

पोलिखा ने कहा कि भारत एक मजबूत देश है इसलिए ऐसी स्थिति में भारतो को वैश्विक स्तर पर अपनी भूमिका निभानी चाहिए. मोदी जी विश्व के पावरफुल नेताओं में शुमार हैं. आप जानते हैं कि रूस के साथ आपके सामरिक संबंध हैं.

उन्होंने कहा कि, ‘मुझे नहीं पता कि पुतिन दुनिया में कितने नेताओं की बात सुनते हैं लेकिन मुझे विश्वास है कि मोदी जी की मजबूत आवाज पर पुतिन कम से कम एक बार विचार जरूर करेंगे. इस संकट के समय में हम भारत की सरकार से थोड़ा ज्यादा सहायतापूर्ण व्यवहार की उम्मीद करते हैं.’

उन्होंने कहा कि, ‘अगर मैं भूल नहीं रहा हूं तो आज महाशिवरात्रि है. कृपया आप लोग भगवान शिव से प्रार्थना कीजिए कि जल्द से जल्द ये युद्ध खत्म हो जाए.’


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