लंदन: ब्रिटेन के शीर्ष मुख्य चिकित्सा प्रमुखों ने रविवार को कहा कि स्कूली पढ़ाई से वंचित रह जाना कोविड-19 की तुलना में बच्चों के लिए ज्यादा जोखिम भरा है. उन्होंने अगले महीने से स्कूलों को फिर से खोलने की सरकार की योजना का जोरदार समर्थन किया है .
इंग्लैंड के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) प्रोफेसर क्रिस व्हिटी ने स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड के अपने समकक्षों के साथ सहमति जताते हुए कहा कि जिंदगी का कोई भी पहलू जोखिम से मुक्त नहीं है. लंबे समय तक स्कूल से वंचित रहने से बच्चों पर कोविड-19 की तुलना में ज्यादा असर पड़ेगा .
एक संयुक्त बयान में उन्होंने कहा, ‘हम उन प्रमाणों को लेकर आश्वस्त हैं कि कोविड-19 से स्कूली बच्चों को अपेक्षाकृत कम खतरा है.’
उन्होंने कहा, ‘कुछ ही बच्चों को खतरे की आशंका है . अगर बच्चे और किशोर स्कूल नहीं गए तो दीर्घावधि में यह खतरा ज्यादा बड़ा होगा.’
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कक्षाएं बहाल करने की हिमायत करते हुए चिकित्सा प्रमुखों ने उल्लेख किया कि स्कूल जाने से स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है. उनके सीखने, सामाजिक जुड़ाव और रोजगार की संभावना भी बढ़ जाती है .
विशेषज्ञों ने कहा है कि उन्होंने संक्रमण के संबंध में ब्रिटेन और अंतरराष्ट्रीय अध्ययनों तथा हालिया आंकड़ों का संज्ञान लिया है और स्पष्ट प्रमाण मिले हैं कि वयस्कों की तुलना में बच्चे, किशोरों के गंभीर संक्रमण से प्रभावित होने की कम आशंका है.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पूर्व में कह चुके हैं कि सितंबर की शुरूआत में बच्चों को कक्षाओं में भेजना उनका ‘नैतिक कर्तव्य’ है. सितंबर से ही स्कूल का नया शैक्षणिक सत्र शुरू होना है.
मार्च में लॉकडाउन की घोषणा के बाद अधिकतर स्कूल बंद कर दिए गए. कुछ स्कूल जून से खोले गए लेकिन गर्मी की छुट्टियों के दौरान एक बार फिर सारे स्कूल बंद कर दिए गए.