लंदन: ब्रिटेन के न्यायाधीश ने विकीलीक्स संस्थापक जूलियन असांजे को जासूसी के आरोपों में प्रत्यर्पित करने का अमेरिकी अनुरोध ठुकराया.
United Kingdom judge rules WikiLeaks' Julian Assange should not be extradited to United States: Reuters
— ANI (@ANI) January 4, 2021
गौरतलब है कि ‘विकीलीक्स’ के संस्थापक जूलियन असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित किया जा सकता है या नहीं, इस पर ब्रिटेन की एक न्यायाधीश सोमवार को फैसला सुनाना था. असांजे पर एक दशक पहले अमेरिकी सेना के गोपनीय दस्तावेज प्रकाशित करने को लेकर जासूसी का आरोप हैं.
जिला न्यायाधीश वैनिसा बाराइस्टर लंदन स्थित ‘सेंट्रल क्रिमिनल कोर्ट’ में इस मामले पर तीन हफ्ते से सुनवाई चल रही थी.
अमेरिकी अभियोजकों ने असांजे पर जासूसी के 17 आरोप लगाएं हैं जबकि एक आरोप कंप्यूटर के दुरुपयोग का भी है. इन आरोपों में अधिकतम सजा 175 साल कैद है.
ऑस्ट्रेलिया के 49 वर्षीय नागरिक के वकीलों ने दलील दी है कि वह पत्रकार के तौर पर काम कर रहे थे, इसलिए वह दस्तावेजों को प्रकाशित करने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत संरक्षण के हकदार हैं. इन दस्तावेजों में अमेरिकी सैनिकों द्वारा इराक और अफगानिस्तान में किए गए कथित गलत कामों के बारे में जानकारी है.
असांजे की कानूनी टीम ने अमेरिका पर राजनीति से प्रेरित अभियोजन चलाने का आरोप लगाया है जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित जानकारियों को हासिल करने एवं प्रकाशित करने को अपराध बताने की कोशिश की गई है.
दूसरी ओर अमेरिकी सरकार के वकीलों ने इस बात से इनकार किया है कि असांजे के खिलाफ अभियोजन मात्र लीक दस्तावेजों को प्रकाशित करने के लिए चलाया जा रहा है, बल्कि मामले का बड़ा हिस्सा राजनयिक केबल (संवाद) और सैन्य फाइलों को चुराने में अवैध संलिप्तता पर आधारित है.
असांजे की परेशानियां तब शुरू हुई थीं जब 2010 में स्वीडन के आग्रह पर लंदन में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. स्वीडन दो महिलाओं द्वारा लगाए गए बलात्कार और यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर असांजे से पूछताछ करना चाहता था. स्वीडन भेजे जाने से बचने के लिए असांजे 2012 में लंदन स्थित इक्वेडोर के दूतावास में शरण ली थी. इस तरह वह ब्रिटेन और स्वीडन के अधिकारी की पहुंच से दूर हो गए.
अप्रैल 2019 में दूतावास से बाहर आने पर ब्रिटिश पुलिस ने उन्हें जमानत लेकर भागने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.
स्वीडन ने नवंबर 2019 में यौन उत्पीड़न के आरोप वापस ले लिए क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा समय लग गया था. लेकिन असांजे लंदन की जेल में ही रहे और प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई के लिए उन्हें जेल की वैन से अदालत लाया गया था.