scorecardresearch
Sunday, 5 May, 2024
होमविदेशअफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुद्वारे पर हमले में दो लोगों की मौत, सात घायल

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुद्वारे पर हमले में दो लोगों की मौत, सात घायल

Text Size:

काबुल/नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शनिवार को एक गुरुद्वारे में कई विस्फोट हुए जिनमें दो लोगों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए। वहीं, सुरक्षाकर्मियों ने विस्फोटक भरे एक वाहन को सिखों के पूजास्थल में प्रवेश करने से रोककर एक बड़ी घटना को टाल दिया।

तालिबान द्वारा नियुक्त गृह मामलों के प्रवक्ता अब्दुल नफी ताकोर ने कहा कि अफगानिस्तान में सिख समुदाय के पूजा स्थल पर नवीनतम लक्षित हमले में, शनिवार सुबह कार्ते परवान गुरुद्वारे पर हमला किया गया और आतंकवादियों तथा तालिबान लड़ाकों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई।

हमलावरों की संख्या के बारे में सटीक विवरण दिए बिना ताकोर ने कहा कि हमलावर मारे गए।

उन्होंने पुष्टि की कि इस घटना में इस्लामिक अमीरात बलों का कम से कम एक सदस्य और एक अफगान हिंदू नागरिक मारा गया तथा सात अन्य घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के बयान के अनुसार, विस्फोटकों से लदे एक वाहन को लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही रोक दिया गया।

बीबीसी ने बताया कि गुरुद्वारे पर सुबह के समय जब हमला किया गया तो उस समय 30 लोग अंदर थे।

धमाके काबुल के कार्ते परवान इलाके में हुए और गोलीबारी की आवाज भी सुनाई दी। यह क्षेत्र अफगान हिंदू और सिख समुदायों का केंद्र है।

गृह मंत्रालय ने पहले एक बयान में कहा था कि कई अज्ञात हथियारबंद लोग सुबह-सुबह क्षेत्र में प्रवेश कर गए। वहीं, स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्होंने क्षेत्र में कई विस्फोटों और गोलियों की आवाज सुनी।

नयी दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘‘हम काबुल में पवित्र गुरुद्वारे पर हमले की खबरों को लेकर अत्यंत चिंतित हैं। हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और हो रहे घटनाक्रम पर आगे के ब्योरे की प्रतीक्षा कर रहे हैं।’’

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट में कहा, ”गुरुद्वारा कार्ते परवान पर कायरतापूर्ण हमले की कड़ी शब्दों में निंदा की जानी चाहिए। हमले की खबर मिलने के बाद से हम घटनाक्रम पर करीब से नजर रखे हुए हैं। हमारी पहली और सबसे महत्वपूर्ण चिंता समुदाय के कल्याण के लिए है।”

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी हमले की कड़ी निंदा की और केंद्र से अफगानिस्तान की राजधानी में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल सहायता प्रदान करने का आग्रह किया।

इस हमले की तत्काल किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है।

अतीत में इस्लामिक स्टेट इन खुरासन (आईएस-के) देशभर में मस्जिदों और अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है।

चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने एक प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से कहा, ”हमने स्थानीय समयानुसार सुबह करीब छह बजे कार्ते परवान इलाके में विस्फोट की आवाज सुनी। पहले विस्फोट के लगभग आधे घंटे के बाद दूसरा विस्फोट हुआ। फिलहाल पूरे इलाके को सील कर दिया गया है।”

उसने बताया कि सुरक्षाबलों ने एहतियात के तौर पर इलाके की घेराबंदी कर दी है।

प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, विस्फोट के कारण आसमान में धुएं का गुबार छा गया। हमले के बाद से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है।

एपी के अनुसार, 2020 के हमले के समय अफगानिस्तान में 700 से कम सिख और हिंदू थे। तब से, दर्जनों परिवार चले गए हैं, लेकिन कई आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण दूसरे देश नहीं जा पाए हैं और वे अफगानिस्तान में ही, मुख्यतः काबुल, जलालाबाद तथा गजनी में रह रहे हैं।

सिख समुदाय के नेताओं का अनुमान है कि तालिबान शासित अफगानिस्तान में सिर्फ 140 सिख बचे हैं, जिनमें से ज्यादातर पूर्वी शहर जलालाबाद और राजधानी काबुल में हैं।

पिछले साल अगस्त में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से देश में प्रतिद्वंद्वी सुन्नी मुस्लिम आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट के हमले लगातार जारी हैं।

शनिवार की घटना अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के पूजा स्थल पर नवीनतम लक्षित हमला है।

इससे पहले, मार्च 2020 में काबुल में एक गुरुद्वारे पर हुए आत्मघाती हमले में कम से कम 25 श्रद्धालु मारे गए थे और आठ अन्य घायल हुए थे। यह हमला अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक सिख समुदाय पर हुए सबसे घातक हमलों में से एक था।

शोर बाजार इलाके में हुए इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ली थी।

भाषा नेत्रपाल दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments