रियो डी जेनेरियो, छह जुलाई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में रविवार को कहा कि आतंकवाद के पीड़ितों और समर्थकों को एक ही तराजू पर नहीं तौला जा सकता तथा आतंकवादियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने में कोई हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए।
मोदी ने शांति एवं सुरक्षा पर आयोजित सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि पहलगाम में हुआ ‘‘कायरतापूर्ण’’ आतंकवादी हमला भारत की ‘‘आत्मा, पहचान और गरिमा’’ पर सीधा हमला है।
उन्होंन कहा, ‘‘यह हमला न केवल भारत पर, बल्कि पूरी मानवता पर आघात था।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आतंकवाद की निंदा करना हमारा ‘सिद्धांत’ होना चाहिए, न कि केवल सहूलियत।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम पहले यह देखें कि हमला किस देश में हुआ, किसके खिलाफ हुआ तो यह मानवता के साथ विश्वासघात करना होगा।’’
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद से निपटने के लिए एकजुट प्रयास करने का आह्वान करते हुए कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने में कोई हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद के पीड़ितों और समर्थकों को एक ही तराजू पर नहीं तौला जा सकता है।’’
मोदी ने कहा कि आतंकवाद के संबंध में कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम ऐसा नहीं कर सकते तो स्वाभाविक रूप से यह सवाल उठता है कि क्या हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर गंभीर हैं भी या नहीं?’’
प्रधानमंत्री ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत के साथ खड़े रहे और इसका समर्थन करने वाले मित्र देशों के प्रति ‘‘हार्दिक आभार’’ व्यक्त किया। इस हमले में 26 नागरिक मारे गए थे।
मोदी ने अपने संबोधन में गाजा की स्थिति पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने कहा, ‘‘गाजा में मानवीय स्थिति बहुत चिंता का विषय है।’’
भाषा प्रीति सुरेश
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