न्यूयॉर्क: अमेरिका में इस महीने होने वाले साहित्य महोत्सव में 60 से अधिक पुरस्कार विजेता, जाने माने लेखक एवं कवि एकत्रित होंगे और इस दौरान भारत में विकसित कोविड-19 रोधी टीके की कहानी से लेकर शुरुआती बौद्ध कला तक कई कलात्मक एवं शोध कार्यों की झलक दिखेगी.
जाना माना सांस्कृतिक संगठन ‘इंडो-अमेरिकन आर्ट्स काउंसिल’ (आईएएसी) 18-19 नवंबर को साहित्य महोत्सव, 2023 की मेजबानी करेगा.
आईएएसी के उपाध्यक्ष राकेश कौल ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि आईएएसी साहित्य महोत्सव सिर्फ शब्दों का जमावड़ा नहीं है, बल्कि दुनिया का संगम है. यह महाद्वीपों को जोड़ने वाली आवाजों और संस्कृतियों का उत्सव है. यह एक प्रामाणिक भारत-अमेरिकी अनुभव को भी प्रतिबिंबित करता है.’’
आईएएसी ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि इस साल का महोत्सव ‘‘असाधारण नवचेतना का सप्ताहांत और साहित्य, संस्कृति और बौद्धिक प्रवचन का उत्सव होगा.’’
इस वर्ष के महोत्सव में शामिल होने वाले प्रख्यात लेखकों और विचारकों में पुलित्जर पुरस्कार विजेता विजय शेषाद्रि, राष्ट्रीय पुस्तक पुरस्कार की अंतिम सूची में जगह बनाने वाली सारा थैंकम मैथ्यूज और ग्रैमी में नामित कलाकार, मानवतावादी और उद्यमी चंद्रिका टंडन शामिल हैं. टंडन ने हाल में अपना पांचवां एल्बम ‘अम्मूज ट्रेजर्स’ रिलीज किया, जिसमें 35 गीत और 21 मंत्र शामिल हैं.
महोत्सव के मुख्य आकर्षणों में ‘गोइंग वायरल: मेकिंग ऑफ कोवैक्सिन – द इनसाइड स्टोरी’ पुस्तक और इसके लेखक प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. बलराम भार्गव होंगे, जो पहले स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग में सचिव और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद में महानिदेशक के रूप में कार्य कर चुके हैं.
भार्गव वर्तमान में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कार्डियोथोरेसिक केंद्र के प्रमुख हैं. महोत्सव में वह अपनी पुस्तक पर चर्चा करेंगे जो भारत के स्वदेशी कोविड-19 रोधी टीके ‘कोवैक्सीन’ की यात्रा का वर्णन करती है.
विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित और पल्लवी जोशी द्वारा निर्मित 2023 की फिल्म ‘द वैक्सीन वॉर’ भार्गव की किताब पर आधारित है.
साहित्य महोत्सव की निदेशक प्रीति उर्स ने कहा कि महोत्सव के माध्यम से उनका लक्ष्य ऐसी कहानियां और बातचीत का ताना-बाना बुनना है जो न केवल प्रेरित करें बल्कि समृद्ध मानवीय अनुभवों को भी उजागर करें.
आईएएसी के 2023 ट्रेल ब्लेजर पुरस्कार से नवाजे गए उद्यमी, शिक्षक और नवोन्मेषक जोस थॉमस अपनी जीवनी ‘बाय चॉइस’ पर चर्चा करेंगे, जबकि प्रसिद्ध भारतीय कलाकार उषा उत्थुप अपनी अधिकृत जीवनी ‘द क्वीन ऑफ इंडियन पॉप’ के बारे में बात करेंगी.
महोत्सव में पद्मश्री पुरस्कार विजेता और ‘द आइडिया ऑफ इंडिया: भारत ऐज ए सिविलाइजेशन’ के लेखक सुभाष काक भी शामिल होंगे. ‘मेट्रोपॉलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट’ के लिए दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशियाई कला के क्यूरेटर जॉन गाइ अपनी पुस्तक ‘ट्री एंड सर्पेंट: अर्ली बुद्धिस्ट आर्ट इन इंडिया’ पर चर्चा करेंगे.
‘भली लड़कियां, बुरी लड़कियां’ की लेखिका अनु सिंह चौधरी, ‘द बुक ऑफ डिजायर’ की लेखिका मीना कंडासामी और ‘हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड’ की लेखिका नीरजा चौधरी भी इसमें शमिल होंगी.
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