scorecardresearch
Thursday, 9 October, 2025
होमविदेशनेपाल में लोकतांत्रिक नवीनीकरण की राह आसान नहीं

नेपाल में लोकतांत्रिक नवीनीकरण की राह आसान नहीं

Text Size:

( सोम निरौला, त्रिभुवन विश्वविद्यालय )

काठमांडू, नौ अक्टूबर (360इन्फो) जेन-जेड का अप्रत्याशित हिंसक आंदोलन मुश्किल से 48 घंटे तक चला, लेकिन इसने नेपाल में ज़बरदस्त उथल-पुथल मचा दी।

नेपाल गहरे शोक, क्रोध और सामूहिक अनिश्चितता के दौर में डूब गया। इसने खुद को अभी -अभी संभालना शुरु किया है।

आठ और नौ सितंबर, 2025 को भ्रष्टाचार, कुप्रबंधन और सोशल मीडिया नियमन के खिलाफ जेन-जेड के आंदोलन में 75 लोग मारे गए और 2,000 से ज़्यादा घायल हुए।

नेपाल के वाणिज्य और उद्योग मंडलों के महासंघ (एफएनसीसीआई) के अनुसार, हालिया हिंसक प्रदर्शनों और आगजनी की घटनाओं के चलते निजी संपत्ति को लगभग 57.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ है। निजी क्षेत्र नेपाल की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 81 प्रतिशत योगदान देता है और कुल नौकरियों में से 86 प्रतिशत निजी क्षेत्र में हैं।

सरकारी भवनों और ऐतिहासिक धरोहरों को हुए नुकसान का आकलन अभी जारी है। प्रधानमंत्री कार्यालय (सिंहदरबार), ऐतिहासिक संसद भवन, सर्वोच्च न्यायालय और राष्ट्रपति कार्यालय (राष्ट्रपति भवन) को हुए नुकसान की लागत सरकार ने अभी सार्वजनिक नहीं की है।

इन घटनाओं के बाद 12 सितंबर को पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हुआ। अब तक उन्होंने आठ मंत्रियों को नियुक्त करते हुए दो बार मंत्रिमंडल का विस्तार किया है। अंतरिम सरकार को अगले छह महीनों के भीतर स्वतंत्र, निष्पक्ष और विश्वसनीय आम चुनाव कराना है।

सरकार ने पूर्व न्यायाधीश गौरी बहादुर कार्की की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया है जो मानवाधिकार उल्लंघनों और सार्वजनिक व निजी संपत्तियों के नुकसान की जांच करेगा। आयोग को तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी है।

गृह मंत्री द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि अब आगजनी या चोरी की शिकायतें दर्ज नहीं की जाएंगी क्योंकि आयोग ने अपना कार्य आरंभ कर दिया है। आलोचकों का कहना है कि इससे नियमित आपराधिक न्याय प्रक्रिया की भूमिका कमजोर होती है।

इससे पहले जनआंदोलन-प्रथम (1990) और जनआंदोलन-द्वितीय (2006/2007) के दौरान बने कई आयोगों की सिफारिशें लागू नहीं की गई थीं, जिससे आक्रोश को बल मिला।

अंतरिम सरकार के समक्ष अब मुख्य चुनौतियां आगामी आम चुनाव कराना और नया मतदाता पंजीकरण अध्यादेश लागू करना है, ताकि विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने वाले युवा भी मतदान कर सकें। मतदाता नामांकन की अवधि 90 दिन है।

प्रधानमंत्री ने निर्वाचन आयोग से परामर्श कर मार्च 2026 में चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं। राष्ट्रपति ने भी राजनीतिक दलों से भेंट कर उन्हें चुनाव में भाग लेने की सलाह दी है।

प्रधानमंत्री के चुनाव कराने के वादे के बावजूद युवाओं में मतभेद बने हुए हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे डिस्कॉर्ड पर कई असंगठित समूह उभरे हैं। कुछ समूहों ने पहले सेना प्रमुख और बाद में राष्ट्रपति से संवाद की कोशिश की।

कुछ युवा मौजूदा राजनीतिक दलों में सुधार की वकालत कर रहे हैं, जबकि अन्य संविधान संशोधन और प्रत्यक्ष निर्वाचित प्रधानमंत्री की मांग कर रहे हैं।

काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह ने प्रदर्शनों के दौरान शांति की अपील की थी लेकिन इसके बाद से वे चुप हैं। युवाओं के बीच मतभेद बने रहने पर चुनाव में हिंसा की आशंका जताई जा रही है।

युवा अब स्वतंत्र उम्मीदवार बनने की बजाय अपना राजनीतिक दल पंजीकृत कराने पर भी विचार कर रहे हैं।

सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री के. पी. ओली और पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक सहित पांच लोगों पर यात्रा प्रतिबंध लगाए हैं। सीपीएन-यूएमएल ने इस पर आपत्ति जताई है और कहा है कि यदि जांच राजनीतिक रूप से प्रेरित लगती है तो दल इसका विरोध करेंगे।

प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा के बाद 486 पुलिस इकाइयों पर हमले और 1,247 हथियारों की लूट की घटनाएं सामने आई हैं। 28 जेलों से लगभग 15,000 कैदी फरार हुए, जिनमें से केवल आधे वापस लौटे हैं। कुछ कैदी भारत सीमा पार करने के बाद नयी दिल्ली में गिरफ्तार किए गए।

नेपाल में सुरक्षा व्यवस्था तीन अंगों—नेपाल पुलिस, नेपाल सशस्त्र बल और नेपाल सेना—में विभाजित है, लेकिन इनमें समन्वय की कमी देखी गई। पुलिस ने आंदोलन के दौरान सक्रिय भूमिका निभाई, लेकिन अन्य बलों की तैनाती में देरी हुई।

इन हालात में चुनाव कराना अंतरिम सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। सरकार को अराजकता और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए कानून का पालन सुनिश्चित करना होगा। नेपाल को स्थायित्व के लिए अपने पड़ोसियों सहित अंतरराष्ट्रीय समर्थन की भी आवश्यकता है।

( 360इन्फो) मनीषा नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments