(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 12 फरवरी (भाषा) पाकिस्तान के हालिया आम चुनाव में खारिज किए गए वोटों की संख्या कम से कम 24 नेशनल असेंबली निर्वाचन क्षेत्रों में जीत के अंतर से अधिक थी। आम चुनाव के एक दिलचस्प सांख्यिकीय आंकड़े में यह जानकारी सामने आई है।
यह अंतर संभावित रूप से कानूनी लड़ाई के द्वार खोलता है क्योंकि कई हारने वाले उम्मीदवारों ने चुनाव परिणामों की समीक्षा के लिए अदालतों में याचिकाएं दायर की हैं।
‘डॉन’ अखबार की एक खबर के अनुसार, जीत के अंतर से अधिक संख्या में अस्वीकृत वोटों वाले 22 निर्वाचन क्षेत्र पंजाब प्रांत में थे जबकि ऐसी एक-एक सीट खैबर पख्तूनख्वा और सिंध प्रांत में थी।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने इनमें से 13 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव जीता, पांच पर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने कब्जा जमाया जबकि चार सीटें पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों और दो अन्य निर्दलीयों ने जीतीं।
संख्या बल के आधार पर पीएमएल-एन और पीपीपी दोनों केंद्र में गठबंधन सरकार बनाने की स्थिति में हैं। हालांकि, पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ ने घोषणा की है कि पीटीआई को छोड़कर सभी पार्टियों को आगामी गठबंधन सरकार के लिए हाथ मिलाना चाहिए।
खारिज किए गए वोटों की सबसे अधिक संख्या पंजाब के एनए-59 (तलागांग-सह-चकवाल) निर्वाचन क्षेत्र में थी, जहां पीएमएल-एन के सरदार गुलाम अब्बास ने 1,41,680 वोट हासिल किए जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी पीटीआई समर्थित मुहम्मद रुमान अहमद को 1,29,716 वोट मिले। इस तरह, जीत का अंतर 11,964 था जबकि खारिज किए गए वोटों की संख्या 24,547 थी।
भाषा
शफीक माधव
माधव
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