(सेंग बून एलआईएम, यूनिवर्सिटी टेक्नोलॉजी मारा)
पेरक (मलेशिया), 31 अक्टूबर (360 इन्फो) बच्चों को पढ़ाने, सड़कों की साफ सफाई और सैन्य खतरों से सीमाओं की रक्षा समेत भविष्य में तमाम ऐसे और भी काम होंगे जिन्हें रोबोट अंजाम देंगे और ये शहरों की एक नई परिभाषा गढ़ेंगे। लेकिन जब हर जगह मशीनों को अपनाने की बात आती है तो नैतिक सिद्धांतों की रेखाएं अक्सर धुंधली हो जाती हैं।
हालांकि, ऐसा नहीं होने जा रहा है कि कल ही सभी जगह रोबोट की उपस्थिति होगी लेकिन यह लोगों की कल्पना से कहीं अधिक करीब है। मानव जैसे दिखने वाले रोबोट दुनियाभर में 24 करोड़ तक होने की उम्मीद है।
मौजूदा रोबोटिक बुनियादी ढांचे वाले कुछ शहरों के उदाहरण हैं मसदर सिटी का ‘पर्सनल रैपिड ट्रांजिट (पीआरटी) और सऊदी अरब के नियोम में भविष्य का शहर ‘द लाइन’, दक्षिण कोरिया की सोंग्दो अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली, डेनमार्क की ओडेंस सिटी के रोबोट तथा जापान के तक्शिबा प्रांत में यातायात नौवहन रोबोट।
लेकिन रोबोटिक्स का उदय यह तीखे नैतिक सवाल खड़े करता है कि हम मानवता के विवेक और डिशवॉशर या लॉनमूवर जैसी मशीनों की यांत्रिक प्रकृति के बीच कैसे नियंत्रण स्थापित करेंगे।
रोबोट को मनुष्य की तरह काम करने के लिए बनाया जा सकता है और व्यावहारिक रूप से प्रत्येक क्षेत्र स्वास्थ्य देखभाल, विनिर्माण, साजोसामान, अंतरिक्ष शोध, सेना, मनोरंजन, आतिथ्य सत्कार और यहां तक कि घर में इस्तेमाल किया जाता है।
उन्हें सत्ता पर कब्जा जमाने और उन्हें हटाने के लिए नहीं बनाया जाता। ऐसे खतरनाक कार्यों जिनमें मानव श्रम की आवश्यकता होती है उनमें रोबोट मानव कार्यबल के पूरक या विकल्प हो सकते हैं।
कृषि क्षेत्र में ड्रोन के पास खेती से जुड़ी गतिविधियों में मदद करने की असीम संभावनाएं हैं।
शिक्षा में रोबोट बच्चों की सीखने तथा खेलने में मदद कर रहे हैं। ‘लिटल सोफिया’ का मकसद बच्चों को कोडिंग, कृत्रिम बुद्धिमता, विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग तथा गणित के बारे में सीखने के लिए प्रेरित करना है।
मनुष्य जैसे रोबोट के मनुष्य के साथ रहने की बढ़ती प्रवृत्ति ने जिम्मेदार तकनीक और रोबोट नैतिकता के मुद्दे को उठाया है।
नैतिक रोबोटिक्स पर 2000 में शुरू हुई बहस अब भी ऐसे ही अहम मुद्दों : निजता और सुरक्षा, अपारदर्शिता/पारदर्शिता और एल्गोरिदम पूर्वाग्रह पर केंद्रित है।
ऐसे मुद्दों से निपटने के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने पांच नैतिक सिद्धांतों का प्रस्ताव दिया है।
ये सिद्धांत हैं :
रोबोट को केवल राष्ट्रीय सुरक्षा की वजहों के अलावा हथियारों के तौर पर नहीं बनाया जाना चाहिए।
रोबोट उत्पाद हैं : अन्य उत्पादों की तरह उन्हें सुरक्षित तरीके से बनाया जाना चाहिए।
रोबोट निर्मित कलाकृतियां हैं : कमजोर उपयोगकर्ताओं का इस्तेमाल करने के लिए भावनाओं के भ्रम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
रोबोट्स को जीवन को बेहतर बनाना चाहिए।
इसके बाद रोबोट के बारे में नागिरकों को जागरूक बनाने और जिम्मेदार (लाइसेंसी) रोबोट निर्माता का जिम्मा सरकारों पर आता है।
360 इन्फो गोला नरेश
नरेश
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