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Saturday, 21 December, 2024
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हमास नेता याह्या सिनवार की मौत निर्णायक क्षण है, लेकिन इससे युद्ध समाप्त नहीं होगा

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(इयान पर्मेटर, ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय विश्वविद्यालय)

कैनबरा, 19 अक्टूबर (द कन्वरसेशन) हमास नेता याह्या सिनवार की मौत निस्संदेह हमास के खिलाफ इजराइल के एक साल से चले आ रहे युद्ध में एक निर्णायक क्षण है। वह दक्षिणी इजराइल में 7 अक्टूबर 2023 को हुए भीषण हमले के प्रमुख षड्यंत्रकारियों में से एक था।

लेकिन यह एक निर्णायक मोड़ है?

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि सिनवार की हत्या, जो लंबे समय से इजराइल रक्षा बल (आईडीएफ) का एक प्रमुख उद्देश्य था, युद्ध के ‘‘अंत की शुरुआत’’ का संकेत देगी। लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है।

वास्तव में, पूर्व रक्षा मंत्री और युद्ध कैबिनेट के सदस्य बेनी गेंट्ज़ ने कहा कि आईडीएफ गाजा में ‘‘आने वाले वर्षों तक’’ काम करना जारी रखेगा।

तो, सिनवार की मौत का वास्तव में क्या प्रभाव होगा?

सिनवार की मौत ने युद्ध के कम से कम एक पहलू को बदल दिया है। वह फलस्तीनियों के लिए एक प्रतिष्ठित व्यक्ति था, चाहे वह अच्छा हो या बुरा। उसे एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा गया, जो लड़ाई को इज़राइल तक ले जा रहा था।

सिनवार के अभी तक जीवित रहने तथा हमास द्वारा गाजा में इजराइल पर पलटवार से समूह की लोकप्रियता वास्तव में बढ़ रही थी।

मई के अंत में हुए जनमत सर्वेक्षण से पता चला कि कब्जे वाले क्षेत्रों में फलस्तीनियों के बीच हमास के लिए समर्थन 40 प्रतिशत तक पहुंच गया था, जिसमें तीन महीने पहले की तुलना में छह अंकों की वृद्धि हुई। वेस्ट बैंक पर नियंत्रण रखने वाले फलस्तीनी प्राधिकरण को समर्थन लगभग आधा था।

सिनवार की मौत से हमास का चेहरा बदल गया है। अगर हमास उसकी जगह उसके जैसे मजबूत नेता को लाने में असमर्थ रहता है, तो यह एक निर्णायक मोड़ हो सकता है।

जिन नामों पर चर्चा हो रही है, उनमें से एक नाम खालिद मशाल का है, जो हमास के राजनीतिक कार्यालय का पूर्व प्रमुख है और अभी भी संगठन में प्रभावशाली है।

यह क्षण हमास के नए नेता के लिए इजराइल के साथ युद्धविराम की मांग करने और गाजा के लोगों के भयावह हालात को खत्म करने का अवसर प्रदान करता है। लेकिन अभी भी यह सवाल बना हुआ है कि क्या सिनवार की मौत से इजराइल के युद्ध के उद्देश्य पूरे होंगे।

नेतन्याहू के लिए जीत क्या होगी?

मुख्य मुद्दा यह है कि नेतन्याहू के युद्ध लक्ष्य अभी तक पूरे नहीं हुए हैं: हमास को एक लड़ाकू शक्ति और इजराइल के लिए खतरे के रूप में खत्म करना,

लगभग 100 इजराइली बंधकों को मुक्त कराना, जो अभी भी गाजा में बंधक हैं, जिनमें से आधे से अधिक अब मर चुके हैं।

यद्यपि, सिनवार का मारा जाना गाजा में इजराइली सेना के खिलाफ युद्ध जारी रखने की हमास की क्षमता को सीमित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, फिर भी इजराइली सैनिकों को वहां कुछ बहुत बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

इजराइली सेना के साथ मौजूद रहने वाले इजराइली पत्रकारों ने यह मुद्दा उठाया है कि हमास के आतंकवादी उन क्षेत्रों में वापस लौट रहे हैं, जहां से आईडीएफ ने उन्हें खदेड़ दिया था, और इसका एक कारण समूह का व्यापक सुरंग नेटवर्क भी है।

नेतन्याहू के लिए एक और मुद्दा यह है कि उनके मंत्रिमंडल के दक्षिणपंथी सदस्यों ने धमकी दी है कि यदि वह हमास को लड़ाकू शक्ति के रूप में नष्ट करने से पहले युद्धविराम पर सहमत होते हैं तो वे उनकी गठबंधन सरकार से इस्तीफा दे देंगे।

साथ ही, नेतन्याहू को बंधकों को लेकर बढ़ते दबाव का भी सामना करना पड़ रहा है। अगर युद्धविराम नहीं होता और उन्हें रिहा करने के लिए बातचीत नहीं होती, तो उनके परिवार और समर्थक हाल के महीनों में इज़राइल में किए गए बड़े प्रदर्शनों को जारी रखेंगे।

नेतन्याहू अभी भी अक्टूबर के शुरू में उनके देश के खिलाफ ईरान द्वारा किए गए मिसाइल हमले के लिए इजराइल द्वारा बदला लिए जाने के वादे को पूरा करने पर मंथन कर रहे हैं।

यदि इजराइल कोई बड़ा हमला करता है, तो ईरान जवाब में क्या करेगा?

ईरान की समस्या यह है कि वह हमेशा लेबनान में एक मजबूत हिजबुल्ला पर निर्भर रहा है, ताकि वह इसकी ओर से इजराइल को सैन्य रूप से जवाब दे सके। और अब ऐसा लगता है कि उसने यह ताकत खो दी है, क्योंकि हाल के हफ्तों में हिजबुल्ला काफी कमजोर हो गया है।

(द कन्वरसेशन)

नेत्रपाल दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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