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Wednesday, 20 November, 2024
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तालिबान ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया, लेकिन किसी भी महिला को नहीं दी जगह

अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कहा है कि वह तालिबान को उनके कार्यों से आंकेगा और तालिबान नीत सरकार की मान्यता महिलाओं और अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार से जुड़ा हुआ है.

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काबुल: तालिबान ने मंगलवार को नए मंत्रियों तथा उप मंत्रियों को शामिल कर अंतरिम मंत्रिमंडल का विस्तार किया लेकिन एक बार फिर किसी भी महिला को शामिल नहीं किया गया. इस महीने की शुरुआत में मंत्रियों के चयन के दौरान भी मंत्रिमंडल में किसी महिला को शामिल नहीं किया गया था जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी आलोचना हुई थी.

अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कहा है कि वह तालिबान को उनके कार्यों से आंकेगा और तालिबान नीत सरकार की मान्यता महिलाओं और अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार से जुड़ा हुआ है.

तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक संवाददाता सम्मेलन में यह सूची पेश की. उन्होंने कहा कि महिलाओं को बाद में शामिल किया जा सकता है. लेकिन उन्होंने स्पष्ट विवरण नहीं दिया. उन्होंने यह भी कहा कि किशोर उम्र की लड़कियों और महिलाओं को इस्लामी कानून के अनुरूप स्कूलों और नौकरियों में लौटने की अनुमति देने के लिए तालिबान नियम तैयार कर रहा है. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि ऐसा कब तक हो सकता है.

मुजाहिद ने मंत्रिमंडल में नए लोगों को शामिल किए जाने का बचाव करते हुए कहा कि हजारा जैसे जातीय अल्पसंख्यकों के सदस्य शामिल किए गए हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को उनके तकनीकी कौशल को लेकर चुना गया है.

उन्होंने मान्यता के लिए अंतरराष्ट्रीय शर्तों की आलोचना करते हुए कहा कि इसे रोकने का कोई कारण नहीं है. उन्होंने कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र की जिम्मेदारी है कि उनकी सरकार को मान्यता दे और यूरोपीय, एशियाई तथा इस्लामी देशों सहित अन्य देश उनके साथ राजनयिक संबंध रखने के लिए उनकी सरकार को मान्यता दें.

मुजाहिद ने वित्तीय समस्याओं को बहुत तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि पिछली सरकार को विदेशी सहायता को व्यापक रूप से भ्रष्टाचार के रूप में देखा जाता था और उस राशि का खर्च तालिबान के खिलाफ अमेरिका के 20 साल के युद्ध के वित्तपोषण पर किया गया था.

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान उस सहायता के बिना प्रबंधन कर सकता है और देश के पास पर्याप्त संसाधन हैं. उन्होंने कहा, ‘हमारे निरीक्षण के अनुसार, अफगानिस्तान आर्थिक रूप से नाकाम देश नहीं है… हमारे पास राजस्व है, और अगर इसे उचित तरीके से नियंत्रित और एकत्र किया जाता है, तो यह हमारी मौजूदा समस्याओं को समाधान कर सकता है.’

हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि तालिबान सरकार किस प्रकार पर्याप्त कर राजस्व जुटाएगी क्योंकि संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि वर्ष के अंत तक 97 प्रतिशत लोग गरीबी स्तर से नीचे चले जाएंगे.

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