काबुल: अफगानिस्तान से सैकड़ों लोगों को दूसरे देशों में ले जाने का प्रयास कर रहे कम से कम चार निजी विमानों को उड़ान भरने से तालिबान ने रोक दिया.
इन विमानों को उड़ान से रोकने के संबंध में विरोधाभासी खबरें आयी हैं. अमेरिका पर भी अफगानिस्तान से निकलने के इच्छुक लोगों की मदद के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है.
अफगानिस्तान के उत्तरी हिस्से में स्थित शहर मजार-ए-शरीफ के हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने बताया कि उड़ान भरने के इच्छुक लोग अफगान नागरिक थे और उनमें से कई के पास वीजा या पासपोर्ट नहीं थे जिसके कारण उन्हें देश छोड़ने से रोक दिया गया.
अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी के बाद भी देश में कई ऐसे लोग हैं जो दूसरे देशों में जाना चाह रहे हैं.
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तालिबान ने पंजशीर पर हमला तेज किया
अफगानिस्तान के तालिबान शासकों ने रविवार को काबुल से और काबुल के लिए कुछ घरेलू यात्री उड़ानें शुरू कर दीं. इसके साथ ही उन्होंने अब तक अपने कब्जे से दूर पंजशीर प्रांत पर हमला तेज कर दिया है.
अफगानिस्तान की राजधानी के उत्तर में स्थित छोटे से प्रांत पंजशीर में तालिबान विरोधी लड़ाकों का नेतृत्व अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह कर रहे हैं जिन्होंने लड़ाई की वजह से विस्थापित हुए हजारों लोगों के लिए मानवीय सहायता की अपील की.
तालिबान के एक वरिष्ठ प्रवक्ता ने रविवार को ट्वीट किया कि पंजशीर के आठ जिलों में से एक रोखा जिले पर तालिबान का नियंत्रण है.
पंजशीर के लड़ाकों से तालिबान के कई प्रतिनिधिमंडलों ने बात की है जो विफल रही है.
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद सालेह पंजशीर पहुंच गए थे जिसके बारे में कहा जाता है कि उसे कोई जीत नहीं सकता.
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