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Monday, 17 June, 2024
होमविदेशटिके रहने की समस्या: महिलाएं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में जा रही हैं, वे बाहर होने के लिए भी विवश की जा रही हैं

टिके रहने की समस्या: महिलाएं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में जा रही हैं, वे बाहर होने के लिए भी विवश की जा रही हैं

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(वंदना सिंह, सूचना विज्ञान प्रोफेसर,टेनेसी विश्वविद्यालय)

नॉक्सविले (अमेरिका), पांच मार्च (द कन्वरसेशन) अमेरिका में 2029 तक कंप्यूटर के क्षेत्र में 36 लाख नौकरियां होंगी लेकिन उनमें से केवल 24 फीसदी को भरने के लिए ही योग्य उम्मीदवार उपलब्ध होंगे।

दशकों तक अमेरिका ने प्रौद्योगिकी उद्योग में लैंगिक प्रतिनिधित्व में सुधार के लिए संसाधन झोंके हैं। इसके बाद भी संख्या में आनुपातिक दृष्टि से सुधार नहीं हो रहा है।

इसके बाद भी ये आंकड़े जस के तस हैं और पहल भी नाकाम हो रही हैं।

संपूर्ण श्रमबल में महिलाएं 57 प्रतिशत हैं । तुलनात्मक दृष्टि से प्रौद्योगिकी उद्योग में महिलाएं श्रमबल का महज 27 फीसदी हैं।

प्रौद्योगिकी उद्योग से जो 27 फीसद महिलाएं जुड़ी हैं उनमें आधे से अधिक 35 वर्ष की उम्र से पहले तथा 56 प्रतिशत के करियर के बीच में ही नौकरी छोड़ देने की संभावना रहती है।

इसलिए प्रश्न उठता है: प्रौद्योगिकी उद्योग में महिलाओं के टिके रहने में समस्या क्यों है?

प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नौकरी करने वाली महिलाएं इतनी बड़ी संख्या में नौकरियां क्यों छोड़ रही हैं?

कौन से कारक प्रौद्योगिकी उद्योग में इतनी कम महिलाओं के टिके रहने के लिए जिम्मेदार हैं और महिलाओं को वहां टिके रहने एवं उसमें सफल होने के लिए किस प्रकार के सहयोग की जरूरत है?

मैं सूचना विज्ञान शोधकर्ता हूं जो लिंग एवं सूचना विज्ञान, एसटीईएम-विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी एवं गणित-ऑनलाइन समुदाय तथा ‘खुला स्रोत सॉफ्टवेयर’ में महिलाओं के विषय पर अध्ययन करती हूं।

टेनेसी विश्वविद्यालय में मेरी टीम ने इन प्रश्नों का समाधान करने के लिए शोध किया। हमने पाया कि प्रौद्योगिकी क्षेत्र में लैंगिक विषमता में ‘टिके रहने वाला तत्व’ बड़ी भूमिका है तथा महिलाओं के लिए सहायक ऑनलाइन एवं भौतिक जगह उनके इस क्षेत्र में टिके रहने की प्रवृति को बढ़ावा दे सकती है।

महिलाएं प्रौद्योगिकी क्षेत्र को छोड़ रही हैं।

शोध दर्शाता है कि प्रौद्योगिकी क्षेत्र में महिलाएं कई चुनौतियों से जूझती हैं।

लैंगिक वेतनमान अंतर बहुत अधिक है। महिलाओं को पुरूषों के समान मौके नहीं मिलते। उदाहरण के लिए केवल 18 फीसद मुख्य सूचना अधिकारी/ मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी महिलाएं हैं। महिलाओं के साथ अनुचित बर्ताव होता है।

मेरे शोध दल ने प्रौद्योगिकी उद्योग में महिलाओं के अनुभव पर ध्यान दिया। कार्यस्थल पर उनके साथ बर्ताव कैसा होता है तथा जो महिलाएं सफल हो जाती हैं, उन्हें किस प्रकार का सहयोग तंत्र मिलता है, इस पर मेरे दल ने खास ध्यान दिया।

हमने ‘खुला-स्रोत सॉफ्टवेयर समुदायों’ का अध्ययन किया क्योंकि खुला स्रोत सॉफ्टवेयर समुदाय लैंगिक विषमता का चरम उदाहरण है।

सभी सॉफ्टवेयर का 70 फीसद हिस्सा, जो प्रौद्योगिकी अवसरंचना का सहारा है, खुला स्रोत है तथा यह प्रौद्योगिकी श्रमबल के भविष्य के लिए ‘खुला स्रोत सॉफ्टवेयर’ को अभिन्न बनाता है। उसके बाद भी महिलाएं उन लोगों में महज 9.8 फीसदी हैं जो खुला स्रोत सॉफ्टवेयर परियोजनाओं में योगदान देते हैं।

प्रौद्योगिकी उद्योगों में टिके रहने संबंधी समस्या का हल ढूंढने के क्रम में हमारे शोध के दौरान पता चला कि महिलाओं के बुरे अनुभवों में मामूली बातों से लेकर गंभीर उत्पीड़न, यौनवाद, भेदभाव, स्त्रियों से द्वेष, मौत की स्पष्ट धमकी तक शामिल हैं।

उनकी दक्षता को चुनौती दी जाती है, उनके योगदान को अच्छी तरह कबूल नहीं किया जाता है और उनकी भूमिकाएं बौनी बना दी जाती हैं।

वे निरंतर उत्पीड़न का सामना करती हैं और चलन बन चुकी अभद्रता से निपटती हैं। वे अक्सर सुनती हैं, ‘ लड़के लड़के ही रहेंगे’। पुरूषों की जमात में वे अक्सर अपने को अलग-थलग पाती हैं।

इन नकारात्मक अनुभवों का असर कई स्तर के नुकसान के रूप में सामने आता है। उदाहरण के लिए जब किस महिला को ऐसा नुकसान होता है जो वह दूसरी महिलाओं को इस क्षेत्र में आने से हतोत्साहित करती है। फलस्वरूप खुला स्रोत सॉफ्टवेयर समुदाय को निम्न महिला प्रतिनिधित्व के रूप में सामूहिक नुकसान होता है।

द कन्वरसेशन राजकुमार नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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