वाशिंगटन: गूगल के भारतीय-अमेरिकी मूल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई अब इसकी पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के सीईओ का कार्यभार संभालेंगे और इसी के साथ वह दुनिया के सबसे शक्तिशाली कॉरपोरेट नेताओं में से एक बन गए हैं.
गूगल के सह संस्थापकों लैरी पेज और सर्गे ब्रिन ने अल्फाबेट की नेतृत्व की भूमिका से हटने की घोषणा की है.
पेज और ब्रिन ने सिलिकॉन वैली की कंपनी में बड़े बदलाव की घोषणा अपने कर्मचारियों को लिखे पत्र में की जिसमें पिचाई का बयान भी शामिल है.
अपने बयान में पिचाई ने स्पष्ट किया कि इस बदलाव से अल्फाबेट की संरचना या उसके काम पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
उन्होंने लिखा, ‘मैं गूगल पर अपना ध्यान केंद्रित करता रहूंगा और साथ ही कम्प्यूटिंग के दायरे को बढ़ाने और गूगल को हर किसी के लिए अधिक मददगार बनाने के अपने काम को करता रहूंगा.’
उन्होंने अपने ईमेल में कहा, ‘साथ ही मैं अल्फाबेट और प्रौद्योगिकी के जरिए बड़ी चुनौतियों से निपटने के उसके दीर्घकालिक उद्देश्य को लेकर उत्साहित हूं.’
गूगल का सीईओ बनाए जाने के बाद से लेकर अब तक पिचाई के नेतृत्व की तारीफ करते हुए पेज और ब्रिन ने कहा कि भारतीय-अमेरिकी सीईओ हर दिन अपने उपभोक्ताओं, साझेदारों और कर्मचारियों के लिए प्रौद्योगिकी के प्रति गहरा जुनून पैदा करते हैं.
पेज और ब्रिन ने कहा, ‘जब हम सोचते हैं कि कंपनी को चलाने का बेहतर तरीका है तो हम कभी भी अपने आप को प्रबंधन की भूमिका से बांध कर नहीं रखते. अल्फाबेट और गूगल को दो सीईओ और अध्यक्ष की जरूरत नहीं है. सुंदर गूगल और अल्फाबेट दोनों के सीईओ होंगे. उनके पास कार्यकारी जिम्मेदारी होगी.’
उन्होंने कहा, ‘सुंदर ने अल्फाबेट की स्थापना के वक्त, गूगल के सीईओ रहते हुए और अल्फाबेट के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सदस्य के नाते 15 वर्ष तक हमारे साथ निकटता से काम किया है. अल्फाबेट की स्थापना के बाद से अब तक हमने किसी और पर इतना भरोसा नहीं किया और उनके अलावा गूगल और अल्फाबेट का भविष्य में कोई इतने अच्छे तरीके से नेतृत्व नहीं कर सकता.’