कोलंबो, 11 जुलाई (भाषा) श्रीलंका की प्रमुख तमिल पार्टी ने शुक्रवार को दिसानायके सरकार से अपील की है कि वह 2009 में समाप्त हुए खूनी संघर्ष से जुड़े एक संभावित सामूहिक कब्र स्थल की खुदाई में “सच को सामने लाने” के लिए निर्णायक कदम उठाए।
इलंकाई तमिल अरासु कच्ची (आईटीएके) ने राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘हम आग्रह करते हैं कि सच को उजागर करने के लिए त्वरित और निर्णायक कार्रवाई की जाए, फोरेंसिक प्रक्रियाएं अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हों, और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए।”
इस साल की शुरुआत में उत्तरी जाफना प्रायद्वीप के अरियालाई श्मशान घाट में चेम्मानी में पुनर्विकास कार्य के दौरान कंकाल के अवशेष मिले थे।
इसके बाद, जाफना मजिस्ट्रेट की अदालत ने आधिकारिक तौर पर इसे सामूहिक कब्र घोषित कर दिया और अदालत की निगरानी में खुदाई का आदेश दिया गया।
वर्ष 1998 में चेम्मानी में सामूहिक कब्र होने का संदेह था और 1999 में हुई खुदाई में 15 कंकाल मिले थे।
आईटीएके ने कहा कि चेम्मानी और उत्तर व पूर्व में कई अन्य संदिग्ध सामूहिक कब्रें ‘युद्ध अपराधों और तमिल आबादी के खिलाफ नरसंहार अभियान का स्पष्ट प्रमाण हैं’।
पार्टी ने दावा किया कि नवीनतम खुदाई में शिशुओं सहित 40 से ज्यादा कंकाल पाए गए हैं।
पार्टी ने राष्ट्रपति दिसानायके से आग्रह किया कि न्याय सुनिश्चित करने के लिए दोनों खुदाई स्थलों की खोज से जुड़ी जानकारियों पर अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की मदद से फोरेंसिक जांच कराई जाए।
श्रीलंकाई सेना ने मई 2009 में ‘लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम’ (एलटीटीई) पर विजय की घोषणा की थी।
करीब 27,000 सैनिकों ने तीन दशकों तक चले संघर्ष में अपनी जान गंवाई, जिनमें से केवल अंतिम चरण (जुलाई 2006 से शुरू) में ही 6,200 से अधिक सैनिक और 22,000 से ज्यादा एलटीटीई के लड़ाके मारे गए।
भाषा
संतोष पवनेश
पवनेश
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