नई दिल्ली: श्रीलंका में जारी गंभीर आर्थिक और राजनीतिक संकट के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे मालदीव की राजधानी माले पहुंच गए हैं. यहां जानकारी सूत्रों ने बुधवार सुबह दी.
गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर कब्जा जमाने के बाद राजपक्षे ने बुधवार को इस्तीफा देने की घोषणा की थी.
Sri Lanka President Gotabaya Rajapaksa, who is due to offer his resignation on Wednesday, has landed in Maldivian capital Malé: Sources
— Press Trust of India (@PTI_News) July 13, 2022
सूत्रों ने मालदीव के सूत्रों के हवाले से बताया कि गत रात वेलाना हवाई अड्डे पर मालदीव सरकार के प्रतिनिधियों ने राजपक्षे की अगवानी की.
इससे पहले सोमवार रात को राजपक्षे और उनके भाई बासिल ने राजपक्षे परिवार के खिलाफ बढ़ते जन आक्रोश के बीच देश छोड़ने की कोशिश की, लेकिन हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया. बासिल देश के पूर्व वित्त मंत्री हैं.
अभी तक राजपक्षे के श्रीलंका छोड़ने पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है.
गौतलब है कि, पार्टी के नेताओं ने राजपक्षे और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के तत्काल इस्तीफे की मांग की थी जिससे कि संसद का उत्तराधिकारी नियुक्त किए जाने तक अभयवर्धने के कार्यवाहक राष्ट्रपति बनने का मार्ग प्रशस्त हो सके.
शनिवार के विरोध प्रदर्शनों से पहले शुक्रवार को अपने आवास से निकलने के बाद राजपक्षे के ठिकाने का पता नहीं चला है. प्रदर्शन के दौरान हजारों सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने कोलंबो में राजपक्षे के आधिकारिक आवास पर धावा बोल दिया था.
राजपक्षे मार्च से इस्तीफे के दबाव का सामना कर रहे थे. वह राष्ट्रपति भवन को अपने आवास और कार्यालय के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे, क्योंकि प्रदर्शनकारी अप्रैल की शुरुआत में उनके कार्यालय के प्रवेश द्वार पर कब्जा करने पहुंच गए थे.
श्रीलंका एक अभूतपूर्व आर्थिक उथल-पुथल का सामना कर रहा है. 2.2 करोड़ लोगों की आबादी वाला देश सात दशकों में सबसे खराब दौर से गुजर रहा है. श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी है, जिससे देश ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं के जरूरी आयात के लिए भुगतान कर पाने में असमर्थ हो गया है.
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