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Monday, 23 December, 2024
होमविदेशSCO के चीनी प्रमुख ने कहा- भारतीय नेतृत्व से आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने की आशा

SCO के चीनी प्रमुख ने कहा- भारतीय नेतृत्व से आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने की आशा

दिप्रिंट को दिए गए एक खास इंटरव्यू में शंघाई सहयोग संगठन के महासचिव झांग मिंग ने यह भी कहा कि अध्यक्ष के रूप में भारत के कार्यकाल के दौरान बहुपक्षीय संगठन के विस्तार की उम्मीद है.

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समरकंद, उज्बेकिस्तान: पिछले हफ्ते उज्बेकिस्तान से चीन के नेतृत्व वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अध्यक्षता संभालने वाले भारत को चीन सहित सभी सदस्य देशों का समर्थन मिलेगा. एससीओ के महासचिव झांग मिंग ने यह भी कहा कि भारत की अध्यक्षता के दौरान बहुपक्षीय संगठन के विस्तार की उम्मीद है.

दिप्रिंट को दिए गए एक विशेष साक्षात्कार में महासचिव झांग ने बताया कि सभी सदस्य देशों को ‘उम्मीद’ हैं कि भारत की अध्यक्षता में एससीओ ‘वैश्विक घटनाओं’ से उत्पन्न चिंताओं से प्रभावी ढंग से निपटेगा और संगठन के विस्तार को सुनिश्चित करेगा.

झांग ने उज्बेकिस्तान के ऐतिहासिक शहर समरकंद में हाल ही में संपन्न एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर दिप्रिंट को बताया, ‘अब भारत शंघाई सहयोग संगठन का अध्यक्ष बन गया है. हम सब इसका तह-ए-दिल से समर्थन करेंगे. मुझे यकीन है कि भारत अपने समृद्ध अनुभव, संस्कृति और सभ्यता के साथ अगले साल एक सफल शिखर सम्मेलन आयोजित करेगा और संगठन के विकास को सुनिश्चित करेगा.’

भारत 2017 में SCO का पूर्ण सदस्य बना और यह पहली बार है जब देश ने बहुपक्षीय संगठन की अध्यक्षता संभाली है. एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में हुई थी और मौजूदा समय में इसके आठ स्थायी सदस्य हैं – चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान और ताजिकिस्तान.

झांग ने कहा, ‘भारत अब (एक) एससीओ के प्रमुख सदस्य देशों में से एक है और पिछले कई सालों से भारत ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. मुझे यकीन है कि भारत संगठन के भीतर कुछ प्रमुख गतिविधियों को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाएगा और हम इसके लिए तत्पर हैं’  झांग को इस साल जनवरी में तीन साल के लिए एससीओ का नया महासचिव नियुक्त किया गया है.

एक पूर्व चीनी राजनयिक झांग ने कहा कि एससीओ का मुख्य एजेंडा अब शांति, सुरक्षा, विकास और समृद्धि को बढ़ावा देना है.


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आतंकवाद से निपटना

एससीओ, जिसे अक्सर नाटो-विरोधी कहा जाता है, ने अभी-अभी उज्बेकिस्तान में संपन्न हुए शिखर सम्मेलन में ईरान को पूर्ण सदस्यता प्रदान की है. ईरान 2023 में भारत में आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलन में पूर्ण सदस्य के रूप में एससीओ में भाग लेगा.

इसके बाद अगला नाम बेलारूस का है और एक अन्य स्थायी सदस्य के रूप में इसके शामिल होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.

इसके अलावा पिछले सप्ताह के शिखर सम्मेलन के दौरान मालदीव, बहरीन, म्यांमार, संयुक्त अरब अमीरात और कुवैत को विस्तारित एससीओ के हिस्से के रूप में डायलॉग पार्टनर का दर्जा दिया गया था. हालांकि ये देश अभी तक पूर्ण सदस्य नहीं हैं. सऊदी अरब और मिस्र के भी जल्द ही वार्ता भागीदार बनने की उम्मीद है.

एससीओ महासचिव ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में बहुपक्षीय संगठन एससीओ क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (SCO RATS) के तहत आतंकवाद विरोधी उपायों को मजबूत करने की उम्मीद करता है.

पिछले शुक्रवार को एससीओ शिखर सम्मेलन के बाद जारी किए गए समरकंद घोषणापत्र के अनुसार, ‘सदस्य राज्यों ने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से पैदा हुई सुरक्षा खतरे पर गहरी चिंता व्यक्त की और दुनिया भर में आतंकवादी कृत्यों की कड़ी निंदा की.’

एससीओ के सदस्यों ने इस बार ‘आतंकवादी गतिविधियों के फाइनेंस के माध्यमों को काटने, आतंकवादी भर्ती की प्रक्रिया और सीमा पार गतिविधियों को रोकने, उग्रवाद का मुकाबला करने, युवाओं को कट्टरपंथी बनने से रोकने, आतंकवादी विचारधारा का प्रसार रोकने और स्लीपर सेल एवं आतंकवादी सुरक्षित ठिकाने के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले स्थानों को खत्म करने’ का संकल्प लिया है.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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