इस्लामाबाद: सऊदी अरब कश्मीर में स्थिति पर चर्चा के लिए इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के सदस्य राष्ट्रों के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाने की योजना बना रहा है. पाकिस्तानी मीडिया की खबर में इस बारे में बताया गया है. ‘डॉन’ अखबार ने कूटनीतिक सूत्रों के हवाले से बताया कि सऊदी अरब के विदेश मंत्री शहजादा फैसल बिन फरहान ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी से बृहस्पतिवार को विदेश कार्यालय में मुलाकात की.
शहजादा फैसल हाल में मुस्लिम राष्ट्रों के कुआलालंपुर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेने के बारे में अपने देश के नेतृत्व के रूख से अवगत कराने के लिए एक दिन के दौरे पर पाकिस्तान आए थे. विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘दोनों विदेश मंत्रियों ने कश्मीर के मसले के संबंध में ओआईसी की भूमिका पर चर्चा की.’ कुरैशी ने प्रिंस फैसल को भारत द्वारा पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद कश्मीर में हालात के बारे में बताया.
विदेश कार्यालय ने कहा कि उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के संबंध में भारत सरकार की कार्रवाई और भारत में लगातार अल्पसंख्यकों को कथित तौर पर निशाना बनाए जाने का मुद्दा उठाया. ओआईसी मुस्लिम बहुल देशों का संगठन है और पाकिस्तान भी इसका हिस्सा है. आम तौर पर यह संगठन पाकिस्तान का समर्थन करता है और कई बार कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ दे चुका है.
ओआईसी ने एक संक्षिप्त बयान में पिछले सप्ताह कहा था कि वह भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों को प्रभावित करने वाले हालिया घटनाक्रमों पर करीबी नजर रखे है. शहजादा फैसल ने प्रधानमंत्री इमरान खान से भी मुलाकात की. बैठक में विदेश मंत्री कुरैशी, विदेश सचिव सोहेल महमूद, खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
खान ने सऊदी के मंत्री से कहा कि भारत द्वारा संघर्षविराम के कथित उल्लंघन से नियंत्रण रेखा पर तनाव बढ़ रहा है और यह क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है. सऊदी अरब के भारत से बढ़ते कारोबार और मुस्लिम मुद्दों पर कड़ा रूख अख्तियार करने से ओआईसी की नाकामी के कारण पाकिस्तानमें कुआलालंपुर सम्मेलन को तगड़ा समर्थन मिला . यह सम्मेलन 19-21 दिसंबर को हुआ.