नई दिल्लीः यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग के बीच भारत की भूमिका की तारीफ करते हुए भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि हमारी भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी है. संयुक्त राष्ट्र में भारत द्वारा दिखाए गए संतुलित स्थिति की हम तारीफ करते हैं. भारत समस्या की गहराई को समझता है. पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने वोटिंग नहीं किया था.
तमाम तरह के प्रतिबंध लगने के बाद भारत के साथ रक्षा समझौते पर उन्होंने कहा कि जहां तक एस-400 की बात है तो इसमें मुझे किसी तरह की कोई बाधा नज़र नहीं आती है. हमारे पास इस डील को पूरा करने के लिए रास्ते हैं. पुराने या नए किसी तरह का कोई प्रतिबंध इसमें बाधा नहीं बनेगा.
S-400 की खरीद पर नहीं पड़ेगा कोई असर
भारत, रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद कर रहा है जिसकी डिलीवरी भी शुरू हो गई है. उन्होंने कहा कि पूरे व्यापार और आर्थिक सहयोग की जहां तक बात है तो हम देखेंगे कि हम पर लगाए जा रहे प्रतिबंधों का कुल क्या असर होता है. जिन देशों से हमारे द्विपक्षीय आर्थिक संबंध हैं उनके साथ अपनी राष्ट्रीय मुद्रा में व्यापार करने का मैकेनिज़म है.
उन्होंने कहा कि हम लोग खारकीव और यूक्रेन के अन्य हिस्सों में फंसे भारतीयों को लेकर हम लोग भारतीय अथॉरिटीज के संपर्क में हैं. हमसे भारत ने कहा है कि वहां फंसे लोगों को रूस की जमीन से वापस लाया जाए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि रूस मानवीय कॉरिडोर को खोलने पर विचार कर रहा है यूक्रेन के शहर खारकीव और सूमी में फंसे छात्रों को निकाला जा सके. उन्होंने कहा कि हम खारकीव, सूमी और यूक्रेन के उत्तरी पूर्वी क्षेत्र में फंसे छात्रों को बाहर निकालने के लिए भारतीय अधिकारियों से संपर्क में हैं. इस संबंध में भारत की ओर से हमें उनके आपात निष्कासन के लिए निवेदन किया गया है और हम इस पर विचार कर रहे हैं ताकि उन्हें उन्हें मानवीय कॉरिडोर उपलब्ध कराया जा सके जिससे वे बाहर निकल सकें.
बता दें कि यह बयान भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा के मौत के एक दिन बाद आया है जो कि वहां पर मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे.
वहीं, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोलैंड के राष्ट्रपति एचई ऐंद्रज़ेज डूडा से बात की और उन्हें यूक्रेन से भारतीय छात्रों को वापस लाने में मदद करने के लिए धन्यवाद दिया. इस मुश्किल समय में वीजा के नियमों में ढील देने और पोलैंड के लोगों द्वारा भारतीय नागरिकों को रिसीव किए जाने के लिए भी पीएम मोदी ने उनकी तारीफ की.
रूस आगे बढ़कर युद्ध को खत्म कर रहा
अलीपोव ने कहा, ‘शायद आपको पता नहीं है लेकिन यूक्रेन की अथॉरिटीज ने जेलों को खोल दिया है और वहां से क्रिमिनल्स और दोष सिद्ध लोगों को बाहर निकालकर उनके हाथों में पश्चिम से दिए गए हथियारों को थमा दिया है.’ आगे उन्होंने कहा कि अगर आम नागरिक युद्ध कर रहे होते तो इसकी जरूरत नहीं पड़ती. रूस के ऊपर युद्ध शुरू करने का आरोप लगाना आसान है लेकिन युद्ध की शुरुआत यूक्रेन में 8 साल पहले हो गई थी. अब बहुत हो गया और रूस ने आगे बढ़कर युद्ध खत्म करने के लिए यह सब किया. वास्तव में यूएसए दूसरों के प्रति आक्रामक रवैया अपनाता है हम तो शांति से मामलों को निपटाए जाने में विश्वास रखते हैं.
उन्होंने कहा कि यह बात बिल्कुल साफ होनी चाहिए कि रूस यूक्रेन की जनता से लड़ाई नहीं लड़ रहा है. रूस किसी भी सिविलियन बिल्डिंग को टारगेट नहीं कर रहा और न ही किसी तरह के प्रतिबंधित हथियारों का प्रयोग कर रहा है. उन्होंने कहा कि यहां तक कि मंगलवार में कीव में कम्युनिकेशन टावर पर हमले के पहले भी रूसी फोर्सेज ने चेतावनी दी थी ताकि सिविलियन की मौतों को टाला जा सके.
इसके पहले भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने भी कहा था कि भारतीय छात्रों को वहां से निकाले जाने में वे पूरी मदद कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि इस बारे में वे लगातार यूक्रेन की अथॉरिटीज़ के संपर्क में हैं.
(दिप्रिंट की डिप्लोमेसी एडिटर नयनिमा बासु के इनपुट के साथ.)
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