(विनय शुक्ला)
मॉस्को, 20 अगस्त (भाषा) रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने बुधवार को कहा कि रूस से तेल और ऊर्जा संसाधनों का भारत में प्रवाह जारी है और मॉस्को को एलएनजी निर्यात की संभावनाएं नजर आ रही हैं।
व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक-तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (आईआरआईजीसी-टीईसी) के 26वें सत्र की सह-अध्यक्षता करते हुए मंटुरोव ने कहा, ‘‘हम कच्चे तेल और तेल उत्पादों, तापीय और कोयले सहित ईंधन का निर्यात जारी रखे हुए हैं। हम रूसी एलएनजी (तरलीकृत प्राकृतिक गैस) के निर्यात की संभावना देखते हैं।’’
भारतीय पक्ष की ओर से आयोग की सह-अध्यक्षता विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने की जो मंगलवार को तीन दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे।
रूसी नेता ने कहा, ‘‘हम शांतिपूर्ण परमाणु क्षेत्र में व्यापक सहयोग का विस्तार करने की उम्मीद करते हैं, जिसमें कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र निर्माण परियोजना के सफल अनुभव के आधार पर सहयोग भी शामिल है।’’
मंटुरोव ने कहा, ‘‘विशेष रूप से वर्तमान परिस्थितियों में एक समान रूप से महत्वपूर्ण कार्य निर्बाध पारस्परिक समझौते सुनिश्चित करना है। हम रूस और भारत के बीच 90 प्रतिशत से अधिक भुगतान राष्ट्रीय मुद्राओं में स्थानांतरित करने में पहले ही सफल रहे हैं।’’
बैठक के बाद, जयशंकर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘हमने व्यापार और आर्थिक क्षेत्र, कृषि, ऊर्जा, उद्योग, कौशल विकास, गतिशीलता, शिक्षा और संस्कृति सहित व्यापक क्षेत्रों में अपने सहयोग पर विस्तृत चर्चा की।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि हम नेताओं के वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारी कर रहे हैं, मुझे विश्वास है कि आज की आईआरआईजीसी-टीईसी बैठक के परिणाम समय की कसौटी पर खरी उतरी भारत-रूस साझेदारी को और आगे बढ़ाएंगे।’’
जयशंकर और मंटुरोव ने आईआरआईजीसी-टीईसी सत्रों के प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए, जिसका विवरण बाद में भारत एवं रूस की सरकारों द्वारा जारी किया जाएगा।
भाषा सिम्मी सुरेश
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