नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अपनी रणनीतिक खरीद नीतियों के माध्यम से वैश्विक तेल और गैस बाजारों को स्थिर करने में भारत की भूमिका पर जोर देते हुए, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत की खरीद नीतियों ने “वैश्विक मुद्रास्फीति” को प्रबंधित किया है.
जयशंकर ने यहां अनुभवी पत्रकार लियोनेल बार्बर के साथ ‘एक अरब लोग दुनिया को कैसे देखते हैं’ शीर्षक के साथ आयोजित कार्यक्रम में सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की.
जयशंकर द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करने और ‘‘मैत्रीपूर्ण संबंधों को नयी गति’’ देने के उद्देश्य से ब्रिटेन की पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं.
जयशंकर ने कहा, “इसलिए हमने वास्तव में अपनी खरीद नीतियों के माध्यम से तेल बाजारों और गैस बाजारों को नरम कर दिया है. परिणामस्वरूप, हमने वास्तव में वैश्विक मुद्रास्फीति को नियंत्रित किया है. मैं आपके धन्यवाद का इंतजार कर रहा हूं.”
वैश्विक बाजारों में भारत के महत्व को स्वीकार करते हुए, जयशंकर ने कहा, “हमने देखा कि एलएनजी बाजारों में जहां वास्तव में कई आपूर्ति जो परंपरागत रूप से एशिया में आ रही थीं, उन्हें यूरोप में भेज दिया गया था और वास्तव में कम से कम भारत इतना बड़ा देश था कि इसमें कुछ सम्मान हासिल किया जा सकता था.”
रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख को संबोधित करते हुए, जयशंकर ने सिद्धांतों और हितों के बीच संतुलन पर प्रकाश डाला और कहा, “हमने कठिन तरीके से सीखा है कि लोग सिद्धांतों के बारे में बात करते हैं. इस विशेष मामले में, रूस के साथ अपने संबंध बनाए रखने में हमारा बहुत शक्तिशाली हित है.”
#WATCH लंदन, यूके: रूस के साथ संबंधों और यूक्रेन पर स्थिति पर, भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "हमने कठिन तरीके से सीखा है कि लोग सिद्धांतों के बारे में बात करते हैं… इस विशेष मामले में, रूस के साथ अपने संबंध बनाए रखने में हमारा बहुत शक्तिशाली हित है।"
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— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 15, 2023
वहीं कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के आरोपों पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “हमने कनाडाई लोगों को बताया है. संदर्भ यह है कि कनाडा में, हमें लगता है कि कनाडाई राजनीति ने हिंसक और अतिवादी राजनीतिक विचारों को जगह दी है जो हिंसक तरीकों सहित भारत से अलगाववाद की वकालत करते हैं. इन लोगों को कनाडा की राजनीति में समायोजित किया गया है, उन्हें अपने विचार व्यक्त करने की आजादी दी गई है. बोलने की आजादी और अभिव्यक्ति की आजादी भी एक निश्चित जिम्मेदारी के साथ आती है. उन स्वतंत्रताओं का दुरुपयोग और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उस दुरुपयोग को बर्दाश्त करना बहुत गलत होगा. देखिए, यदि आपके पास ऐसा आरोप लगाने का कोई कारण है, तो कृपया हमारे साथ सबूत साझा करें. हम जांच से इनकार नहीं कर रहे हैं.”
उन्होंने आगे कहा कि, “भारत किसी जांच से इनकार नहीं कर रहा है. इसके साथ ही उन्होंने खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या में भारत सरकार के एजेंट की संलिप्तता के कनाडा के आरोपों पर उसे सबूत मुहैया कराने को कहा.”
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कनाडा ने अपने आरोप के समर्थन में भारत के साथ कोई सबूत साझा नहीं किया है.
कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की ‘‘संभावित’’ संलिप्तता के संबंध में सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के संबंध तनावपूर्ण हो गए. भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था.
भारत ने ट्रूडो के आरोपों को ‘‘बेतुका’’ और ‘‘बेबुनियाद’’ बताकर खारिज कर दिया.
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