अंकारा: अफगानिस्तान के मुख्य शांतिदूत अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी का अमेरिका का फैसला काफी जल्दी ले लिया गया, क्योंकि यह देश अब भी जारी संघर्ष के बीच शांति और सुरक्षा हासिल करने के लिये जूझ रहा है.
अब्दुल्ला ने एक साक्षात्कार में उन खबरों को भी बेहद ‘स्तब्ध’ करने वाला करार दिया कि ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों के कथित तौर पर 39 अफगान कैदियों की गैरकानूनी तरीके से हत्या करने के साक्ष्य सामने आए हैं.
उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के दोषियों को कानून के दायरे में लाने के फैसले का भी स्वागत किया है.
अब्दुल्ला ने अंकारा में अफगान सरकार और तालिबान के बीच कतर में चल रही बातचीत में तुर्की का समर्थन मांगा. बातचीत के जरिये दशकों से चले आ रहे गृहयुद्ध को खत्म करने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं, हालांकि इस बातचीत में फिलहाल ज्यादा प्रगति नहीं हुई है.
अमेरिका के अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की संख्या इस हफ्ते 4500 से घटाकर 2500 करने के फैसले पर अब्दुल्ला ने कहा, ‘यह अमेरिकी प्रशासन का फैसला है और हम इसका सम्मान करते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हमारी प्राथमिकता थी कि यह तब होना चाहिए था जब स्थिति में सुधार होता.’
कार्यवाहक अमेरिकी रक्षा मंत्री क्रिस्टोफर मिलर ने घोषणा की थी कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी बलों को वापस घर लाने के संकल्प के तहत अमेरिका जनवरी के मध्य तक इराक और अफगानिस्तान में अपने सैनिकों की संख्या में कटौती करेगा.
अफगान अधिकारियों ने चिंता व्यक्त की कि अमेरिकी सैनिकों की तेजी से वापसी के कारण बातचीत में तालिबान का पक्ष मजबूत हो सकता है, जबकि आतंकवादी सरकारी बलों के खिलाफ पूरी तरह से विद्रोही कार्रवाई का संचालन कर रहे हैं.
अब्दुल्ला ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि चीजें वैसी ही होंगी जैसा हम चाहेंगे.’ वह इस तथ्य का स्वागत करते हैं कि 2500 अमेरिकी सैनिक और नाटो बल भी मौजूद रहेंगे.