संयुक्त राष्ट्र, 12 मार्च (भाषा) भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से कहा है कि जैविक एवं जहरीले हथियार संधि के तहत किसी भी मामले को सभी संबंधित पक्षों के साथ व्यापक विमर्श और सहयोग से निपटाया जाना चाहिए।
सुरक्षा परिषद में यूक्रेन में कथित तौर पर जैविक प्रयोगशालाओं के मसले पर विचार विमर्श किया गया। रूस ने यह कहते हुए सुरक्षा परिषद की बैठक आहूत करने का अनुरोध किया है कि अमेरिका के समर्थन से यूक्रेन रासायनिक और जैविक प्रयोगशालाएं संचालित कर रहा है। हालांकि अमेरिका ने इन आरोपों का पुरजोर खंडन किया है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी दूत टी. एस. तिरुमूर्ति ने शुक्रवार को कहा, ‘‘हमने यूक्रेन में जारी स्थिति पर बार-बार गहरी चिंता व्यक्त की है।’’ रूस ने यूक्रेन में जैविक प्रयोगशालाओं के मसले पर सुरक्षा परिषद की बैठक आयोजित करने की अपील की है।
‘‘यूक्रेन : जैविक कार्यक्रमों पर रिपोर्ट’’ विषय पर सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘भारत ने सदस्य देश (रूस) के हालिया बयान और यूक्रेन से संबंधित जैविक गतिविधियों के संदर्भ में व्यापक जानकारियों का संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा, ‘‘इस संदर्भ में हम वैश्विक और गैर-भेदभावपूर्ण निरस्त्रीकरण संधि के तौर पर ‘जैविक और विषाक्त हथियार संधि’ (बीटीडब्ल्यूसी) के महत्व को रेखांकित करना चाहेंगे।’’
तिरुमूर्ति ने जोर देकर कहा कि बीटीडब्ल्यूसी का अक्षरश: पूर्ण एवं प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा यह भी मानना है कि बीटीडब्ल्यूसी के तहत किसी भी मामले का निपटारा संधि के प्रावधानों के तहत और संबंधित पक्षों से विचार विमर्श एवं सहयोग के जरिये किया जाना चाहिए।’’
तिरुमूर्ति ने यह भी कहा कि भारत को पूरी उम्मीद है कि रूस और यूक्रेन के बीच सीधी बातचीत आपसी संघर्ष खत्म करने में महती भूमिका निभाएगी।
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सुरेश उमा
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