यास आइलैंड (अबू धाबी), 29 सितंबर (भाषा) ‘मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’ की अभिनेत्री रानी मुखर्जी ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का आईफा पुरस्कार दुनिया भर की माताओं को समर्पित करते हुए कहा कि एक मां का प्यार कोई भी कानून और दया नहीं जानता है।
मुखर्जी को ‘मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’ में भूमिका के लिए यह पुरस्कार मिला है। इस फिल्म को एक देश के खिलाफ एक मां की लड़ाई की अनकही कहानी बताया गया है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बच्चों और मानवाधिकार को झकझोरने वाली एक सच्ची घटना पर आधारित इस हिंदी फिल्म का निर्देशन “मेरे डैड की मारुति” से प्रसिद्धि पाने वाली आशिमा छिब्बर ने किया है।
मुखर्जी ने शनिवार को पुरस्कार समारोह में अपने भाषण में कहा कि माताएं अपने बच्चों के लिए पहाड़ हिला सकती हैं और दुनिया को एक बेहतर स्थान बना सकती हैं।
उन्होंने कहा, “इस भारतीय प्रवासी मां की कहानी ने मुझे अंदर तक झकझोर दिया… एक मां का अपने बच्चे के प्रति प्यार निश्छल होता है, जिसे मैं तब तक एक मिथक मानती थी, जब तक कि मेरा अपना बच्चा नहीं हुआ।”
अभिनेत्री ने कहा, “मां का प्यार सभी नियम कायदों से परे होता है। वह हर चीज का साहस करती है और अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को कुचल देती है। कोई भी उसके और उसके बच्चे के बीच नहीं आ सकता। मुझे यह पुरस्कार सभी माताओं को समर्पित करते हुए बेहद खुशी हो रही है।”
मुखर्जी ने “मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे” को अपने करियर की सबसे खास फिल्मों में से एक बताया।
उन्होंने कहा, “ आईफा में यह पुरस्कार प्राप्त करना और भी खास लगता है, क्योंकि इससे इस तथ्य की पुष्टि होती है कि ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ ने वैश्विक स्तर पर लोगों के दिलों पर प्रभाव डाला। फिल्म की सफलता कथा कहने की शाश्वत शक्ति और मातृ प्रेम और मानव जीवट की सार्वभौमिक भाषा की पुष्टि करती है।”
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नोमान दिलीप
दिलीप
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