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Saturday, 23 November, 2024
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रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा- मौत तक सत्ता में बने रहने वाली स्थिति कष्टकारी

पुतिन ने कहा वह सोवियंत संघ में रही व्यवस्था की तरह देश के नेता को असीमित कार्यकाल तक पद पर बने रहने के विचार का विरोध करते हैं.

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मॉस्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को कहा कि वह सोवियंत संघ में रही व्यवस्था की तरह देश के नेता को असीमित कार्यकाल तक पद पर बने रहने के विचार का विरोध करते हैं.

पुतिन ने यह टिप्पणी शनिवार को सेंट पीटर्सबर्ग में दूसरे विश्वयुद्ध के सैनिकों की बैठक में की. इस बैठक से कुछ दिन पहले ही पुतिन ने संविधान में संशोधन करने की वकालत थी. इस संशोधन से 2024 में उनके मौजूदा राष्ट्रपति पद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी सत्ता में बने रहने में मदद मिल सकती है.

शनिवार को जब पूर्व सैनिकों ने बैठक में रूसी राष्ट्रपति के लिए असीमित कार्यकाल का प्रस्ताव किया तो पुतिन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘1980 के दशक के मध्य वाली स्थिति में लौटना बहुत ही कष्टकारी होगा जब देश के नेता मौत होने तक सत्ता में रहते थे.’

उल्लेखनीय है कि बुधवार को पुतिन के राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद से रूस के राजनीतिक भविष्य पर संशय के बादल छा गए हैं. इस संबोधन में उन्होंने संविधान में बदलाव कर संसद को प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल के सदस्यों को नामित करने का अधिकार देने की घोषणा की थी. अभी तक प्रधानमंत्री और मंत्रियों की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं.

संवैधानिक सुधारों के ऐलान के बाद रूसी सरकार ने दिया है इस्तीफा

इससे पहले राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन द्वारा कई संवैधानिक सुधारों का ऐलान किये जाने के बाद रूस में सरकार ने एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में बुधवार को इस्तीफा दे दिया था.

रूसी राष्ट्रपति के साथ टेलीविजन पर प्रसारित एक बैठक में प्रधानमंत्री दमित्रि मेदवेदेव रिपीट मेदवेदेव ने कहा था कि प्रस्तावों से देश में सत्ता संघर्ष में महत्वपूर्ण बदलाव होंगे और इसलिये ‘सरकार अपने मौजूदा स्वरूप से इस्तीफा देती है.’
मेदवेदेव रिपीट मेदवेदेव ने कहा था, ‘हमें देश के राष्ट्रपति को उन संभावनाओं का अवसर मुहैया कराना चाहिए कि वह बदलावों के लिये सभी जरूरी कदम उठा सकें.’

‘अगले सभी फैसले राष्ट्रपति द्वारा लिये जाएंगे.’ पुतिन ने अपने दीर्घकालिक सहयोगी से कहा था कि वह अगली सरकार की नियुक्ति तक सरकार के प्रमुख बने रहें.

पुतिन ने कहा था, ‘जो कुछ भी किया गया, जो कुछ भी हासिल किया गया उसके नतीजों पर संतुष्टि जताने के लिये मैं आपका शुक्रिया अदा करता हूं.’ ‘सब कुछ नहीं किया जा सका, लेकिन सब कुछ कभी होता भी नहीं है.’ उन्होंने सुरक्षा परिषद के उप प्रमुख का पद बनाए जाने का भी प्रस्ताव दिया था और ऐसे संकेत हैं कि मेदवेदेव रिपीट मेदवेदेव यह पद संभालेंगे.

 

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