(अभिषेक शुक्ला)
नाइट्रा (स्लोवाकिया), 10 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बृहस्पतिवार को यहां ‘कॉन्स्टेंटाइन द फिलॉसफर’ विश्वविद्यालय द्वारा ‘‘सार्वजनिक सेवा में उनके विशिष्ट योगदान’’ के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
राष्ट्रपति स्लोवाकिया और पुर्तगाल की अपनी चार दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन सम्मान प्राप्त करने के लिए विश्वविद्यालय परिसर पहुंचीं।
विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू को सार्वजनिक सेवा और शासन में उनके विशिष्ट योगदान, सामाजिक न्याय एवं समावेश की वकालत के लिए सम्मानित किया जा रहा है।
बयान में कहा गया कि मुर्मू ने शिक्षा, महिलाओं के सशक्तीकरण और सांस्कृतिक एवं भाषाई विविधता के संरक्षण और संवर्धन में योगदान दिया है।
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि वह भारत के 1.4 अरब लोगों की ओर से सम्मान स्वीकार कर रही हैं।
मुर्मू ने कहा कि दार्शनिक सेंट कॉन्स्टेंटाइन सिरिल के नाम वाले संस्थान से मानद उपाधि प्राप्त करना विशेष रूप से मायने रखता है क्योंकि भाषा, शिक्षा और दर्शन में उनका विशिष्ट योगदान था।
संथाली भाषा की सांस्कृतिक मान्यता सहित भारत की भाषाई एवं सांस्कृतिक विविधता के संरक्षण के लिए काम करने वालीं मुर्मू ने कहा कि वह पहचान को आकार देने और ज्ञान को बढ़ावा देने में भाषा की शक्ति की सराहना करती हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा न केवल व्यक्तिगत सशक्तीकरण बल्कि राष्ट्रीय विकास का भी साधन है।
भाषा शफीक माधव
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