कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के रविवार को संसद भंग करने की संभावना है जिससे देश में तय कार्यक्रम से पहले आकस्मिक चुनाव का रास्ता साफ हो जाएगा. एक शीर्ष मंत्री ने यह जानकारी दी.
राष्ट्रपति राजपक्षे ने दिसंबर में अपने बड़े भाई एवं पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को अगस्त 2020 में आम चुनाव होने तक कार्यवाहक मंत्रिमंडल का प्रधानमंत्री नियुक्त किया था. अब वह कानूनी रूप से संसद भंग कर सकते हैं और चुनाव की घोषणा कर सकते हैं.
राष्ट्रपति रविवार रात को संसद भंग करने से संबंधित आदेश जारी कर सकते हैं. मौजूदा संसद का गठन एक सितंबर, 2015 को हुआ था.
विदेश मंत्री दिनेश गुणावर्धन ने पत्रकारों से कहा, ‘हां, हमलोग निश्चित रूप से इसे (संसद) भंग करने पर विचार करेंगे. पिछली सरकार की 19ए की गलती के चलते हम पहले के चुनाव में भाग नहीं ले पाए थे.’
19ए संशोधन पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार का अहम सुधार संकल्प था.
इस संशोधन का मकसद राष्ट्रपति के असीमित अधिकारों में कटौती करना और संसद को और अधिक शक्तियां प्रदान करना है.
राजनीतिक सूत्रों ने बताया कि संसद भंग करने का आदेश रविवार मध्यरात्रि में जारी किया जा सकता है जिससे अप्रैल अंत तक नये चुनाव कराने का मार्ग प्रशस्त होगा.
चुनाव बाद राजपक्षे के सुधारों में 19ए को हटाना शामिल है.
‘संडे ऑब्जर्वर’ में प्रकाशित खबर के अनुसार संसद भंग होने के बाद देश का संचालन प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और मंत्रिमंडल के नेतृत्व वाली कार्यवाहक सरकार करेगी.
इसके मुताबिक, इसका अर्थ है कि सभी राज्य मंत्रियों और उपमंत्रियों को अपना पद छोड़ना होगा.
खबर में श्रीलंका के चुनाव आयोग के अध्यक्ष महिंदा देशप्रिय के हवाले से कहा गया कि संसद भंग होने की स्थिति में 12-16 मार्च से नामांकन पत्र लेने की व्यवस्था होगी.